
दो साल के अंतराल के बाद, एक बार फिर देश भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सबसे बड़ी वार्षिक सभाओं में से एक - भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन हो रहा है. सम्मेलन का 108वां संस्करण मंगलवार से शुरू होने जा रहा है और इस बार महिला वैज्ञानिकों पर फोकस होगा.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इस कार्यक्रम की शुरुआत की और अब अगले पांच दिनों तक, देश भर के शोधकर्ता अगल-अलग विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे. इस बार सम्मेलन का विषय है- "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी." इस सम्मेलन में विचार-विमर्श होगा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी सतत विकास को कैसे मजबूत कर सकते हैं.
महिला वैज्ञानिक कर रही हैं नेतृत्व
इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन (ISCA) का नेतृत्व वर्तमान में एक महिला वैज्ञानिक, डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना कर रही हैं. पूरे 100 साल पुराने इतिहास में डॉ सक्सेना दूसरी महिला हैं जिन्होंने जनरल प्रेसिडेंट का पद संभाला है. भारत के अंतरिक्ष प्रयासों से लेकर महामारी से सीखे गए सबक तक, सम्मेलन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की यात्रा के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा.
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने अगले 25 वर्षों में भारत के विकास की कहानी में भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जब विज्ञान में जुनून के साथ राष्ट्रीय सेवा की भावना का संचार होता है, तो परिणाम अभूतपूर्व होते हैं. उनको विश्वास है कि भारत का वैज्ञानिक समुदाय हमारे देश को वह जगह सुनिश्चित कराएगा जिसका वह हमेशा से हकदार है.
जनजातीय विज्ञान कांग्रेस है इस बार का आकर्षण
इस वर्ष सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में 'आदिवासी विज्ञान कांग्रेस' है, जो आदिवासी महिलाओं की यात्रा को प्रदर्शित करेगी. यह एक मंच होगा जिस पर स्वदेशी उच्चारण ज्ञान प्रणाली और प्रैक्टिस के प्रदर्शन का मौका मिलेगा. इसके अलावा, महिला वैज्ञानिकों, किसानों, बच्चों के साथ-साथ विज्ञान संचारकों की कांग्रेस पर एक समर्पित सत्र भी होगा.
पूर्ण सत्र में अंतरिक्ष, रक्षा, आईटी और चिकित्सा अनुसंधान सहित विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों से नोबेल पुरस्कार विजेताओं, प्रमुख भारतीय और विदेशी शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकीविदों के शामिल होने की उम्मीद है.
महामारी से सीखे सबकों पर चर्चा
वैज्ञानिक कोविड-19 के लंबे प्रभावों, दिल से संबंधी मुश्किलों, वैक्सीन की भूमिका और देश में रोग प्रबंधन के बारे में सीखे सबकों पर भी अपना अनुभव और ज्ञान साझा करेंगे. भारत जल्द ही अपनी पहली मानव-अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने की सोच रहा है.
आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित सम्मेलन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो नागपुर से लोकसभा सदस्य हैं, के साथ-साथ महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी शामिल होंगे.