Representational Image (Photo: Unsplash)
Representational Image (Photo: Unsplash) हम सब जानते हैं कि धरती पर फ्रेश वाटर की कमी से आज हर कोई जूझ रहा है. ऐसे में, इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन विश्वविद्यालय (यूआईयूसी) का एक नया अध्ययन उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है. यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के मुताबिक, जल वाष्प (Water Vapour) के रूप में पृथ्वी के महासागरों के ऊपर ताजे पानी की लगभग असीमित आपूर्ति मौजूद है, बस इसे अभी तक इस्तेमाल करने के बारे में नहीं सोचा गया है.
इस स्टडी का कहना है कि दुनिया भर में अब ऐसे बुनियादी ढांचे में निवेश किया जाना चाहिए जो ताजे पानी की सीमित आपूर्ति के समाधान के रूप में समुद्री जल वाष्प पर रिसर्च कर सके. इस स्टडी में समुद्र के ऊपर से जल वाष्प को कैप्चर करके फ्रेश वाटर में बदलने के लिए 14 ऐसी जगहों का मूल्यांकन किया गया जहां पानी की बहुत कमी है.
ग्लोबल समस्या है पानी की कमी
ग्रेडुएट छात्र अफीफा रहमान और वायुमंडलीय विज्ञान की प्रोफेसर फ्रांसिना डोमिंगुएज ने नेचर जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में इस स्टडी को पब्लिश किया. यह स्टडी को सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और प्रेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक प्रवीण कुमार ने लीड किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पानी की कमी एक वैश्विक समस्या है और कोलोराडो नदी बेसिन में कम होता जल स्तर पूरे पश्चिमी यू.एस. को प्रभावित करता है. हालांकि, पश्चिमी अमेरिका जैसे सबट्रॉपिकल रीजन्स में, पास के महासागर लगातार पानी को वाष्पित कर रहे हैं क्योंकि यहां पूरे साल बहुत कम बादल कवरेज होता है और इस वजह से पर्याप्त सोलर रेडिएशन मिलती है.
क्लाइमेट चेंज के अनुकूल है यह प्रक्रिया
अपने अध्ययन के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि समुद्र की सतहों पर नमी को कैप्चर करना दुनिया भर के कई जल-तनाव वाले क्षेत्रों के लिए संभव है. और इस तरह से बड़ी जनसंख्या के लिए पर्याप्त फ्रेश वाटर मिल सकता है.
रिसर्चर्स का कहना है कि जलवायु अनुमानों से पता चलता है कि समुद्री वाष्प प्रवाह समय के साथ ही बढ़ेगा, और अधिक ताजा पानी की आपूर्ति प्रदान करेगा. और जिस विचार का प्रस्ताव रिसर्चर्स कर रहे हैं वह जलवायु परिवर्तन के तहत संभव होगा. यह जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के लिए एक बहुत ही आवश्यक और प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करता है, विशेष रूप से दुनिया के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के लिए.