
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने अमेरिका के दिवंगत म्यूजिशियन एल्विन लूसियर के ब्रेन सेल्स से एक ऐसा आर्टिफिशियल ब्रेन बनाया है, जो रियल टाइम में संगीत रच रहा है. लूसियर का निधन साल 2021 में हुआ था. लेकिन कलाकारों और वैज्ञानिकों ने प्रोजेक्ट रिवाइविफिकेशन के जरिए म्यूजिशियन की रचनात्मकता को जीवित रखा है.
कैसे तैयार किया गया आर्टिफिशियल ब्रेन-
इस प्रोजेक्ट के लिए वैज्ञानिकों ने साल 2020 में म्यूजिशियन लूसियर का ब्लड लिया था. इसमें से व्हाइट ब्लड सेल्स को सहेजकर रखा गया था. बाद में इनको स्टेम सेल्स में बदला गया. वैज्ञानिकों ने इससे ब्रेन जैसे दिखने वाले न्यूरॉन कलस्टर बनाए. इसको इलेक्ट्रोड नेट पर डेवलप किया गया, ताकि इसकी न्यूरल एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा सके.
किसने डिजाइन किया प्रोजेक्ट-
न्यूरोसाइंटिस्ट स्टुअर्ट हॉजेट्स ने इस प्रोजेक्ट को डिजाइन करने अहम भूमिका निभाई. उनके अलावा कलाकार नाथन थॉम्पसन, मैट गिंगोल्ड और गाय बेन-एरी ने इस प्रोजेक्ट को डिजाइन किया. मिनी ब्रेन को 64 इलेक्ट्रोड्स वाली नेट पर रखा गया है. गिंगोल्ड ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म मॉडिफाई किया, ताकि न्यूरल एक्टिविटी आवाज में बदल सके. इस तरह से म्यूजिशियन लुसियर का आर्टिफिशियल ब्रेन लाइव परफॉर्मर बन गया.
कैसे काम करता है सिस्टम-
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक थॉम्पसन ने बताया कि इंस्टॉलेशन में पीतल की 20 प्लेट्स लगाई. हर प्लेट के पीछे इंस्ट्रूमेंट पर चोट करने वाला हथौड़ा लगाया. ये हथौड़े मिनी ब्रेन के सिग्नल्स पर रिएक्शन देते हैं. इससे अलग तरह की आवाज निकलती है. गैलरी में लगे माइक्रोफोन गूंज रिकॉर्ड करते हैं. इन आवाजों को इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स में बदलकर दोबारा ब्रेन को भेजा जाता है. लूसियर की बेटी का कहना है कि यह आविष्कार पूरी तरह से पापा जैसा है. उन्होंने कहा कि पिताजी ने ऐसा कर लिया है, वे हमेशा कुछ नया करते रहेंगे. वो रुक नहीं सकते.
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