music psychology
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कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी जरूरी काम पर ध्यान लगाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन दिमाग में एक ही गाने की लाइन बार-बार आ रही हो...या आपने कोई गाना कहीं सुन लिया और बस पूरे दिन उसे ही दोहराते चले जा रहे हैं? दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे इस तरह का अनुभव न हुआ हो. ये कुछ और नहीं बल्कि दिमाग की एक घटना है. इसे ईयरवॉर्म (Earworm) कहते हैं.
क्या है ईयरवर्म?
ईयरवर्म कोई कीड़ा नहीं, बल्कि दिमाग में बार-बार बजने वाला गाने का छोटा सा हिस्सा है. रिसर्च बताती है कि 90% से ज्यादा लोग हफ्ते में कम से कम एक बार ईयरवर्म का एक्सपीरिएंस करते हैं, जबकि करीब 60% लोगों के साथ यह रोज होता है. खास बात यह है कि जो लोग ज्यादा म्यूजिक सुनते हैं, उनमें ईयरवर्म की समस्या ज्यादा देखी जाती है.
कौन सा गाना बनता है ईयरवर्म?
अब सवाल उठता है कि क्या कोई भी गाना ईयरवर्म बन सकता है? वैज्ञानिकों के मुताबिक, जो गाना आपने हाल ही में सुना हो या जिसे आपने बार-बार सुना हो उसके ईयरवर्म बनने की संभावना ज्यादा होती है.
2015 की एक स्टडी में लोगों को एक अनजान गाना 2 और 6 बार सुनाया गया. नतीजा ये निकला कि जिन्होंने गाना 6 बार सुना था, उनके दिमाग में वह ज्यादा अटका, खासकर अगले दिन.
दिमाग में आखिर होता क्या है?
जब हम म्यूजिक सुनते हैं और जब गाना दिमाग में बजता है. दोनों हालात में दिमाग लगभग एक जैसा ही काम करता है. यह आवाज बाहर से नहीं आती, बल्कि दिमाग की कल्पना से बनती है. इसमें दिमाग का एक हिस्सा जिसे ऑडिटरी एसोसिएशन कॉर्टेक्स कहते हैं, खास भूमिका निभाता है, जो म्यूज़िक को समझने और याद रखने का काम करता है.
याददाश्त से क्या कनेक्शन है?
ईयरवर्म सीधे हमारी वर्किंग मेमोरी में घुस जाता है. यही मेमोरी हमें तुरंत जानकारी याद रखने में मदद करती है जैसे मोबाइल नंबर या हिसाब लगाना. रिसर्च में पाया गया कि अगर दिमाग में गाना अटका हो तो इंसान दूसरी चीजें कम सही ढंग से याद रख पाता है यानि ईयरवर्म दिमाग की जगह घेर लेता है.
क्या ईयरवर्म का कोई फायदा भी है?
ज्यादातर ईयरवर्म परेशान करने वाले नहीं, बल्कि हल्के मजेदार होते हैं. जर्मन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह म्यूजिक न सुन पाने की एक तरह की withdrawal प्रतिक्रिया हो सकती है. ब्रिटिश रिसर्च के मुताबिक, जो लोग म्यूजिक एनर्जी के लिए सुनते हैं उनके ईयरवर्म भी जोश बढ़ाने वाले गाने होते हैं.
ईयरवर्म से छुटकारा कैसे पाएं?
च्यूइंग गम चबाएं. इससे गले की मांसपेशियां एक्टिव होती हैं और दिमाग की 'इनर आवाज' टूटती है.
कोई और म्यूजिक सुन लें.
ध्यान किसी काम में लगा लें.