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दो साल बाद दावोस में आयोजित हो रहा World Economic Forum, जानिए इतिहास, महत्व और थीम

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) कोरोना काल के बाद आयोजित हो रहा है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में विश्वभर के नेता जुटेंगे. जो यूक्रेन-रूस युद्ध समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

World Economic Forum davos summit 2022 World Economic Forum davos summit 2022
हाइलाइट्स
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 270 पैनल कई मुद्दों पर करेंगे चर्चा

  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा

करीब ढाइ साल के बाद विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) दावोस (Devos) का आयोजन होने जा रहा है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में इस बार भारत समेत दुनिया के बड़े नेता शामिल होंगे. इस बार का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध समेत व्यापार पर केंद्रित होने वाला है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 23 से 26 मई तक चलेगा. इस दौरान करीब 270 पैनलों में से एक तिहाई जलवायु परिवर्तन या इसके प्रत्यक्ष प्रभावों के बारे में चर्चा पर केंद्रित होगी. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन स्विस रिसॉर्ट शहर दावोस में किया जा रहा है. जहां पर अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी, युगांडा की जलवायु कार्यकर्ता वैनेसा नकाटे और पिछले साल के अंतर्राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन COP26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा शामिल होंगे. 

दो साल के बाद हो रही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की पहली व्यक्तिगत सभा में, जलवायु पैनल मुद्दे के रूप में विविध हैं. इसमें पर्यावरण की चिंता करने से लेकर कर्ज में डूबे देशों आर्थिक रूप से वित्तपोषित करने में मदद करने को लेकर सिलसेवार पैनल चर्चाएं आयोजित होंगी.  इस बार इन समस्याओं से उभरने की कोशिश होगी.  

पर्यावरण, सामाजिक, सरकार
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में इस बार पर्यावरण और अन्य प्रमुख कारकों पर विचार होगा. परिवर्णी शब्द ESG द्वारा जाना जाता है. इसीजी के कुछ मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियों में खरबों डॉलर का निवेश किया गया है. जब जलवायु परिवर्तन की बात आती है, तो ईएसजी महत्वपूर्ण हो सकता है. व्यक्तिगत निवेशकों के लिए सभी तरह से फर्मों और सरकारी एजेंसियों तक जो विश्लेषण करती हैं कि कंपनियां कैसे काम करती हैं, प्रकटीकरण और सार्वजनिक घोषणाएं सर्वोपरि हैं. वे कंपनी के उत्सर्जन, पर्यावरणीय प्रभाव और जलवायु परिवर्तन से जुड़े वित्तीय जोखिमों के मूल्यांकन का आधार पर हो सकता है.  वहीं जानकारी के अनुसार ईसीजी निवेश में बाधा डाल रहा है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए दबाव भी डाल रहा है. पिछले हफ्ते, टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने कहा कि दृष्टिकोण फर्जी सामाजिक न्याय वॉरियर द्वारा यह हथियार बनाया गया है. 

ऊर्जा परिवर्तन और नेट जीरो
दुनिया के शीर्ष जलवायु वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस दशक में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाना आवश्यक है ताकि गर्मी को कम से कम किया जा सके और ग्रह पर सबसे विनाशकारी प्रभावों से बचाया जा सके. इसके लिए व्यापार कैसे किया जाए, उत्पादों के उत्पादन के तरीके से लेकर उन्हें कैसे लाए जाए, में बड़े बदलाव की आवश्यकता होगी. इस सत्र में शिपिंग और विमानन, नवीकरणीय संक्रमण योजनाओं और चीन और भारत जैसे देशों में उन्हें प्राप्त करने की चुनौतियों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा. जिसके लिए रणनीतियों पर चर्चा होगी कि प्रमुख बदलाव समावेशी हैं और ऐतिहासिक रूप से हाशिए वाले देशों में लोगों पर विचार किया जाए, जो जलवायु परिवर्तन के कुछ सबसे तीव्र प्रभावों को महसूस कर रहे हैं.

यूक्रेन में युद्ध और ऊर्जा का भविष्य
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में इस बार यूक्रेन-रूस का युद्ध सम्मेलन में बड़ा होगा. इसमें यह भी देखा जाएगा कि सभी देश रूसी तेल और गैस से ऊर्जा को कम करने के लिए कैसी प्रतिक्रिया देते. वहीं यह युद्ध अक्षय ऊर्जा के लिए संक्रमण को तेज करेगा या जीवाश्म ईंधन कंपनियों को यथास्थिति बनाए रखने में मदद करेगा.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का इतिहास और उद्देश्य
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एक स्विस गैर-लाभकारी एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की स्थापना 24 जनवरी 1971 में हुई थी. जिसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक एजेंडों को आकार देने के लिये राजनीतिक, व्यापारिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र के अग्रणी नेतृत्व के लिए मंच देता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यह एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन है, जिसका स्वयं का कोई हित नहीं है.