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कैसे भारत ने तय किया साइकिल और बैलगाड़ी से चंद्रयान और मंगलयान तक का सफर?

एक देश, जिसका अंतरिक्ष अभियान 1975 में साइकिल और बैलगाड़ी से शुरू हुआ था. महज चंद साल में उसके तकनीक कौशल का सफर मंगल और चांद तक पहुंच जाता है,1947 में जब देश आज़ाद हुआ, तो ना तो रिसोर्सेज़ थीं, ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर और ना ही तकनीक. अगर कुछ था तो सिर्फ एक उम्मीद थी, एक जिद थी, और एक कोशिश थी... 1947 में भारत अंतरिक्ष की दुनिया में शून्य था, तकनीक के लिए भारत बड़े देशों पर निर्भर था...भारत ने जब 1963 में पहली बार अपना रॉकेट लॉन्च किया, तब भारत दुनिया के सबसे पिछड़े देशों में से एक था. रॉकेट को साइकिल पर रखकर लॉन्च पैड तक ले जाया गया था...लेकिन आज सारी दुनिया भारत की स्पेस एजेंसी इसरो को सबसे भरोसेमंद मानती है।

A country whose space mission started in 1975 with cycles and bullock carts. When the country became independent in the year 1947, having no resources, no infrastructure and no technology, Reached Mars and Moon using many technical skills know the whole journey of indian space mission