भारत 2027 में गगनयान मिशन की योजना बना रहा है, जो अंतरिक्ष में मानव उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा. यह मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह पहली बार होगा जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे. अंतरिक्ष में जीवन धरती से बहुत अलग है, जहाँ पानी और हवा को रीसाइकल करना होता है. इसके लिए रसायन और बैक्टीरिया का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें समुद्र में पाया जाने वाला ब्लू-ग्रीन बैक्टीरिया भी शामिल है जो धरती पर आधे ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. अंतरिक्ष में मांसपेशियों का नुकसान जैसी शारीरिक चुनौतियां भी होती हैं, जिनके लिए मेटाबॉलिज्म बूस्टर का परीक्षण किया जा रहा है.