सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो प्रमुख दावों की सच्चाई उजागर की है. पहले दावे में एक वीडियो के जरिए यह कहा गया कि बांग्लादेश में पश्चिमी कपड़े पहनने और दाढ़ी न रखने वाले छात्रों के बाल काटे जा रहे हैं. शुभम सिंह ने बताया कि 'यह वीडियो तीन महीने पुराना है और इसका हालिया प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं है.' जांच में पाया गया कि यह मयमनसिंह में एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन का वीडियो था.