आश्विन मास के कृष्णपक्ष का संबंध पितरों से होता है. इस मास की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या कहा जाता है. इस दिन धरती पर आए हुए पितरों को याद करके उनकी विदाई की जाती है. अगर पूरे पितृपक्ष में अपने पितरों को याद न किया गया हो तो केवल अमावस्या को उन्हें याद करके दान करने से और निर्धनों को भोजन कराने से पितरों को शांति मिलती है. इस दिन दान करने का फल अमोघ होता है. इस दिन राहु से संबंधित बाधाओं से मुक्ति पाई जा सकती है. इस बार पितृ विसर्जन अमावस्या 14 अक्टूबर को है.
In this video of Kismat Connection, astrologer Shailendra Pandey explains the significance and all about Pitru Visarjan Amavasya.