फाल्गुन शुक्ल-एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है और काशी में होली का पर्वकाल प्रारंभ हो जाता है. पौराणिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के उपरान्त पहली बार अपनी प्रिय काशी नगरी आये थे. इस पर्व मे शिव जी के गण उन पर व समस्त जनता पर रंग अबीर गुलाल उड़ाते हैं.
In this episode of Kismat Connection, astrologer Shailendra Pandey explains all about Rangbhari Ekadashi.