भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पहली तिथि को शुरू होता है. इसके आगमन के पूर्व पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए "होलिका दहन" किया जाता है. इसको कहीं कहीं पर संवत जलाना भी कहते हैं. इसके पीछे अगर पौराणिक कथाएँ हैं तो वैज्ञानिक मान्यतायें भी हैं ,बुराई पर अच्छाई के विजय के प्रतीक स्वरुप में होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन में किसी वृक्ष कि शाखा को जमीन में गाड़ कर उसे चारों तरफ से लकड़ी कंडे उपले से घेर कर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है.
Indian New Year starts on the first date of Chaitra Shukla Pratipada. Before its arrival, "Holika Dahan" is done to bid farewell to the old Samvatsara and eliminate its negativity.