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उम्र से बड़ा जज़्बा! 105 साल में उम्र में रेस में बनाया नया रिकॉर्ड, 45.40 सेकंड्स में पूरी की 100 मीटर की दौड़

हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली रामबाई 105 साल की हैं. उन्होंने अब एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. रामबाई ने 105 साल की उम्र में 45.40 सेकंड्स में 100 मीटर की दौड़ पूरी कर दी है. इनसे पहले ये रिकॉर्ड 101 साल के मान कौर के नाम पर था.

Rambai Rambai
हाइलाइट्स
  • इससे पहले भी जीत चुकी हैं दादी कई अवॉर्ड

  • 45.40 सेकंड में की 100 मीटर रेस पूरी

जज़्बा हो तो उम्र कितनी भी हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. 100 साल की उम्र में भी हर वो मुकाम हासिल किया जा सकता है जो 25-30 साल की उम्र में हासिल किया जाता है. ऐसा ही कर दिखाया है 105 साल की रामबाई ने. उन्होंने दौड़ में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. इस उम्र में भी उन्होंने महज 45.40 सेकंड्स में 100 मीटर की रेस पूरी कर ली है. इससे पहले ये रिकॉर्ड 101 साल के मान कौर के नाम पर था.

45.40 सेकंड में की 100 मीटर रेस पूरी

बताते चलें, 105 वर्षीय रामबाई के लिए उम्र सिर्फ एक नंबर है क्योंकि उन्होंने गुजरात के वडोदरा में आयोजित नेशनल ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस केवल 45.40 सेकंड में पूरी कर ली है और एक नया रिकॉर्ड बनाया है. आपको बता दें, इससे पहले दादी रामबाई ने उस वक़्त सभी को चौंका दिया था जब उन्होंने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में दो दौड़ - 100 मीटर और 200 मीटर में गोल्ड मैडल जीते.

इससे पहले भी जीत चुकी हैं दादी कई अवॉर्ड

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, रामबाई ने दो रेस - 15 जून को 100 मीटर और 19 जून को 200 मीटर में 1 मिनट और 52.17 सेकंड में पूरा करके गोल्ड मेडल जीत थे. 45.40 सेकेंड के साथ रामबाई ने अब 100 मीटर में एक नया रिकॉर्ड बनाया है.

रामबाई हरियाणा से रखती हैं ताल्लुक 

आपको बताते चलें, 1 जनवरी, 1917 को जन्मी, रामबाई इस रेस में अकेली दौड़ी, थीं. क्योंकि प्रतियोगिता में 85 साल से ज्यादा उम्र की दौड़ में कोई दूसरा प्रतियोगी नहीं था. हरियाणा के चरखी दादरी जिले की रहने वाली रामबाई ने 104 साल की उम्र से दौड़ना शुरू कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामबाई के दैनिक आहार के रूप में 1 लीटर दूध, चूरमा, बाजरा की रोटी, 250 ग्राम घी और 500 ग्राम दही खाती हैं.

कैसी रही रामबाई की अभी तक की यात्रा?

रामबाई ने नवंबर, 2021 में वाराणसी में अपनी पहली दौड़ के लिए स्प्रिंट किया था. इसके अलावा, उन्होंने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक में होने वाले कई  इवेंट्स में भी भाग लिया है और मेडल भी जीते हैं. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से रामबाई की पोती शर्मिला ने बताया कि उनकी दादी प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले कदमा के खेतों में दौड़ती थीं. उन्होंने कहा, “वह केवल कदमा के खेतों में दौड़ती थी. उन्होंने अभी से रनिंग शूज और ट्रैकसूट पहनना शुरू किया है. इससे पहले, वह सामान्य जूतों का इस्तेमाल करती थीं.”