
असम के लाखीमपुर ज़िले के छोटे से गांव सरजन की मिट्टी से एक ऐसी कहानी निकली है, जो अब बैंकॉक तक पहुच चुकी है. यह कहानी है 27 साल के सत्यजीत बोराह की, जो ब्रह्मपुत्र वॉलीबॉल लीग (BVL) के पहले ग्रासरूट ब्रॉडकास्टर हैं. उन्हें Fédération Internationale de Volleyball (FIVB) ने थाईलैंड में चल रहे FIVB महिला वॉलीबॉल विश्व चैम्पियनशिप में इनवाइट किया है.
शुरुआत कैसे हुई
सत्यजीत का ब्रॉडकास्टिंग का सफर 2021 में शुरू हुई. उनके भाई अमृत बरोई बापुजी वॉलीबॉल कोचिंग सेंटर के कोच हैं. वह उनके साथ एक मीटिंग में गए. जहां उनकी मुलाकात भारत के पूर्व वॉलीबॉल कप्तान अभिजीत भट्टाचार्य और अमिताभ अत्रेय से हुई. अमिताभ जी का सपना था कि गांव के हर खेल को दर्शक मिलें. यहीं से सत्यजीत का सफर शुरू हुआ.
जुगाड़ से मिला रास्ता
शुरुआत में कोई साधन नहीं थे. कैमरे की ऊंचाई तय करने के लिए सत्यजीत ने पुराना रेफरी स्टैंड इस्तेमाल किया. ट्राइपॉड नहीं था, तो BVL के खिलाड़ी कृष्णा दत्ता ने बांस का ट्राइपॉड बनाया. SportVot से ट्रेनिंग ली. 31 अक्टूबर 2021 को सत्यजीत ने पहली बार लाइव मैच प्रसारित किया.
कई मुश्किलें आईं जैसे इंटरनेट की समस्या, वीडियो रुकना, स्ट्रीमिंग में ब्लैक स्क्रीन. लेकिन सत्यजीत ने उपाय निकाला. उन्होंने वीडियो की क्वालिटी 480p से घटाकर 360p या 240p कर दी, और समस्या हल हो जाती थी.
असम में त्योहार है वॉलीबॉल
सत्यजीत कहते हैं, "असम में वॉलीबॉल सिर्फ़ खेल नहीं है, यह त्योहार जैसा है. बच्चे खेतों में नेट लगाते हैं, माता-पिता नाश्ता लाते हैं, बुज़ुर्ग मैदान पर उत्साह बढ़ाते हैं. पूरा गांव खेल में शामिल होता है." सत्यजीत अपनी सफलता का श्रेय अमिताभ सर, अभिजीत सर, जयंत शर्मा सर और पूरे BVL परिवार को देते हैं. इसके अलावा Volleyball Foundation, Volleyball World और SportVot ने भी उनका बहुत साथ दिया.
FIVB के मैच देखकर सत्यजीत कहते हैं, "मैं बैंकॉक की रंगीन प्रस्तुति, संगीत और स्टाइल BVL में भी लाना चाहता हूं, ताकि हमारे गांवों के मैच भी छोटे विश्व कप जैसे लगें." सत्यजीत ने सबित किया कि छोटा गांव हो या बड़ा शहर, अगर सीखने की चाह, मेहनत करने का जुनून और लोगों का साथ हो, तो कोई भी सपना पूरा हो सकता है.
सत्यजीत की कहानी यह साबित करती है कि हर खेल एक दर्शक का हकदार है. बैंकॉक उनकी मंज़िल नहीं, बल्कि एक नया पड़ाव है.
यह कहानी दिखाती है कि असम के छोटे गांवों से भी सपने दुनिया के मंच तक पहुंच सकते हैं.
---------------End---------------