
Saleema Imtiaz
Saleema Imtiaz क्रिकेट को अक्सर पुरुषों का खेल कहा जाता है. हालांकि, पिछले कुछ समय से महिलाएं इसमें अपना परचम लहरा रही हैं. फिर चाहे वह इंडियन वीमेन क्रिकेट टीम हो या फिर एम्पायरिंग. एक खेल जिसे परंपरागत रूप से पुरुषों का माना जाता है, उसमें एक महिला का अपनी जगह बनाना बड़ी बात है.
सलीमा इम्तियाज, ICC अंतरराष्ट्रीय पैनल ऑफ डेवलपमेंट अंपायर्स के लिए नामित होने वाली पहली पाकिस्तानी महिला बन गई हैं. उन्होंने पाकिस्तान की अनगिनत महिलाओं के लिए नए अवसर खोल दिए हैं, जो क्रिकेट में नाम कमाने की ख्वाहिश रखती हैं.
आसानी से नहीं मिली उपलब्धि
सलीमा इम्तियाज के लिए, यह उपलब्धि आसानी से नहीं मिली. इस प्रतिष्ठित पैनल तक पहुंचने का रास्ता अनगिनत घंटों की मेहनत, धैर्य और व्यक्तिगत बलिदानों से भरा हुआ है. अपने इस पूरे सफर के बारे में सलीमा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से कहती हैं, "यह यात्रा मेहनत और व्यक्तिगत बलिदानों से भरी हुई थी, लेकिन अब, इस नए अध्याय की दहलीज पर खड़ी होकर, सब कुछ सही लगता है. यह सिर्फ मेरे लिए जीत नहीं है; यह पाकिस्तान में हर आकांक्षी महिला क्रिकेटर और अंपायर के लिए जीत है."
पाकिस्तान, एक ऐसा देश जहां महिलाओं की खेलों में भागीदारी अक्सर सामाजिक अपेक्षाओं के पीछे छिप जाती है, अब यहीं का क्रिकेट मैदान क्रांति देख रहा है. इस क्रांति में सबसे आगे की पंक्ति में सलीमा इम्तियाज खड़ी हैं.

क्रिकेट से महिलाओं को कर रहीं प्रेरित
सलीमा इम्तियाज की ICC पैनल तक की यात्रा केवल व्यक्तिगत सफलता को नहीं दिखाती यह क्रिकेट में महिलाओं के बढ़ते प्रभाव को दिखाती है. सलीमा मानती हैं कि उनकी नामांकन सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के लिए है जो एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रही हैं.
बेटी है क्रिकेटर
सलीमा इम्तियाज एक सफल एम्पायर ही नहीं बल्कि एक सफल खिलाड़ी की मां भी हैं. वह काइनात इम्तियाज की मां हैं, जो खुद एक सफल क्रिकेटर हैं. काइनात ने पाकिस्तान के लिए 40 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. इन दोनों मां और बेटी ने क्रिकेट के मैदान पर अपना नाम कमाया है. दोनों ही महिलाओं ने अपने-अपने भूमिकाओं में नाम कमाया है- एक क्रिकेटर के रूप में और दूसरी अंपायर के रूप में.

2008 से शुरू हुई यात्रा
सलीमा की अंपायरिंग की यात्रा 2008 में PCB महिला पैनल से शुरू हुई, और तब से उन्होंने 22 T20I मैचों में अंपायरिंग की है, जिसमें 16 ऑन-फील्ड और छह TV अंपायर के रूप में शामिल हैं. उनका सबसे हालिया प्रदर्शन महिला एशिया कप फाइनल में डंबुला में था, जहां उन्होंने श्रीलंका और भारत के बीच मैच की अंपायरिंग की थी.
बता दें, सलीमा क्रिकेट की दुनिया में अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के लिए जानी जाती है. उन्होंने कई बड़े मैच में अंपायरिंग की. 2022 और 2024 के ACC महिला T20 एशिया कप, 2023 के ACC इमर्जिंग वुमन कप (हांगकांग) और हाल ही में 2024 के ACC महिला प्रीमियर कप (कुआलालंपुर) में उनके योगदान को सराहा गया.

शुरू से सपना था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करना
सलीमा गर्व के साथ अपनी बेटी के बारे में बताते हुए कहती हैं कि जबसे काइनात ने पाकिस्तान के लिए खेलना शुरू किया, मेरा सपना था कि मैं अपने देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करूं. अब मैं ऐसा करने वाली हूं.
ये भी पढ़ें