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Bronco Test: 6 मिनट में तय करनी है 1200 मीटर की दूरी... क्या है ब्रोंको टेस्ट... जिसे पास करना है Team India के खिलाड़ियों के लिए जरूरी... Players की फिटनेस को लेकर सीरियस हुआ BCCI 

BCCI ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर बड़ा फैसला किया है. अब भारतीय खिलाड़ियों को ब्रोंको टेस्ट से गुजरना होगा. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही तेज गेंदबाजों को भारतीय टीम में जगह मिलेगी. आइए जानते हैं आखिर क्या है ब्रोंको टेस्ट? 

Team India (File Photo: PTI) Team India (File Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस का मूल्यांकन यो-यो टेस्ट, 2 किमी टाइम ट्रायल के अलावा होगा ब्रोंको टेस्ट के जरिए 

  • ब्रोंको टेस्ट को पास करने के बाद ही तेज गेंदबाजों को भारतीय टीम में मिलेगी जगह

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया (Team India) के खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर एक ऐसा फैसला किया है, जिससे भारतीय खिलाड़ी जिम से ज्यादा मैदान में दोड़ते नजर आएंगे. अब भारतीय खिलाड़ियों को ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test) से गुजरना होगा. यह टेस्ट खासकर तेज गेंदबाजों के लिए लाया गया है. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही तेज गेंदबाजों को भारतीय टीम में जगह मिलेगी. 

क्या है ब्रोंको टेस्ट
1. ब्रोंको टेस्ट को रग्बी से लिया गया है. यह खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता और रनिंग स्टैमिना को जांचने के लिए बनाया गया है. 
2. ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ी को पहले 20 मीटर की शटल रन करनी होती है. 
3. इसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की रनिंग करनी होती है. 
4. शटल रन और 40 मीटर व 60 मीटर की दौड़ तीनों को मिलाकर एक सेट बनता है. 
5. खिलाड़ी को ऐसे पांच सेट बिना रुके हुए पूरे करने होंगे. 
6. भारतीय खिलाड़ियों को यह टेस्ट 6 मिनट के भीतर पूरा करना होगा, जिसमें वे करीब 1200 मीटर की दूरी तय करेंगे.
7. बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ब्रोंको टेस्ट शुरू किया गया है. 

क्यों लाया गया यह टेस्ट
Bronco Test भारतीय टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स के सुझाव पर लागू की गई है. हेड कोच गौतम गंभीर ने भी इस टेस्ट को लेकर अपनी सहमति जताई है. यह नया फिटनेस टेस्ट खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता, स्टैमिना और मैच के लिए तैयार रहने की ताकत को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है. यह टेस्ट पहले से मौजूद यो-यो टेस्ट और दो किलोमीटर टाइम-ट्रायल के साथ मिलकर खिलाड़ियों की फिटनेस का मूल्यांकन करेगा. BCCI ने तेज गेंदबाजों की फिटनेस को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ब्रोंको टेस्ट शुरू किया है, ताकि वे जिम में समय बिताने के बजाय मैदान में ज्यादा दौड़ सकें. 

इस टेस्ट से यह सुनिश्चित होगा कि तेज गेंदबाज लंबे स्पेल तक थकान झेले बिना अपनी गेंदबाजी की गति बनाए रख सकें. आपको मालूम हो कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में कई भारतीय खिलाड़ी फिटनेस के मामले में संघर्ष करते नजर आए. आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा की फिटनेस सवालों के घेरे में रही. मोहम्मद सिराज को छोड़ सभी तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस को लेकर परेशान रहे. मोहम्मद सिराज ही पांचों टेस्ट मैच खेलने में सफल रहे थे. जसप्रीत बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेल पाए. इसी को देखते हुए ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत हुई है. 

पहले से यो-यो टेस्ट और 2 किमी टाइम ट्रायल है मौजूद 
टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए पहले से यो-यो टेस्ट और 2 किमी टाइम ट्रायल मौजूद है. 2 किमी के टाइम ट्रायल में तेज गेंदबाजों के लिए तय बेंचमार्क है 8 मिनट 15 सेकेंड. बल्लेबाजों, विकेटकीपरों और स्पिनरों के लिए बेंचमार्क है 8 मिनट 30 सेकेंड. इस समय सीमा के भीतर दो किमी दौड़ पूरी करना ही टेस्ट पास करने की शर्त है.

यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को 20-20 मीटर की दूरी पर रखे गए मार्कर्स के बीच लगातार दौड़ना होता है. हर 40 मीटर दौड़ के बाद 10 सेकेंड का ब्रेक मिलता है और धीरे-धीरे गति बढ़ती जाती है. अब टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस का मूल्यांकन यो-यो टेस्ट, 2 किमी टाइम ट्रायल के अलावा ब्रोंको टेस्ट के जरिए होगा. यो-यो टेस्ट जहां स्प्रिंट फिटनेस नापता था, वहीं ब्रोंको टेस्ट खिलाड़ियों की मैदान पर टिके रहने और लंबी दूरी तक रनिंग क्षमता की परीक्षा लेगा.