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72 साल की उम्र में महिला ने कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड...किसी समय व्हीलचेयर पर रहने को थी मजबूर

स्कॉटलैंड की टीम और ऑस्ट्रेलिया की चेरिल लिंडफ़ील्ड और सेरेना बोनेल के बीच स्वर्ण पदक का मैच काफी मुकाबले का था, जिसमें आठ छोरों के बाद स्कोर 5-5 से बराबरी पर था.

 Rosemary Lenton and Pauline Wilson Rosemary Lenton and Pauline Wilson
हाइलाइट्स
  • कभी व्हीलचेयर पर रहने को थी मजबूर

  • जीता स्वर्ण पदक

स्कॉटलैंड की रोजमेरी लेंटन ने 72 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में जो उपलब्धि हासिल की वो कोई आसान बात नहीं है. रोजमेरी ने पैरा लॉन बाउल्स (बी6-बी8 कैटेगरी) की महिला युगल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है. रोजमेरी बीस साल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रही हैं और व्हीलचेयर पर चलती हैं. लेंटन ने 58 वर्षीय पॉलीन विल्सन के साथ साझेदारी कर ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी चेरिल लिंडफील्ड (63) और सेरेना बोनेल (40) को 17-5 के स्कोर से हराया. पैरा लॉन बाउल्स में अपनी जीत के साथ लेंटन स्कॉटलैंड की अब तक की सबसे उम्रदराज CWG स्वर्ण पदक विजेता बन गईं.

कभी व्हीलचेयर पर रहने को थी मजबूर
रोजमेरी लेंटन को एक बीमारी हुई और कई और ऑपरेशन हुए तो लेंटन का जीवन पूरी तरह से बदल गया. रोजमेरी एक साइक्लिस्ट और सेलर रह चुकी हैं और उन्होंने चीन और रूस के रास्ते कई चैरिटी राइड्स की हैं. साल 2005 में उन्होंने बॉलिंग शुरू की और तीन विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया जिनमें से एक में रजत पदक जीता. करीब 20 साल पहले की बात है जब उन्होंने व्हीलचेयर पर कर्लिंग करना शुरू किया और नौ विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया. वह वर्तमान में 72 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ बॉलिंग चैंपियन हैं.

जीता स्वर्ण पदक
स्कॉटलैंड की टीम और ऑस्ट्रेलिया की चेरिल लिंडफ़ील्ड और सेरेना बोनेल के बीच स्वर्ण पदक का मैच काफी मुकाबले का था, जिसमें आठ छोरों के बाद स्कोर 5-5 से बराबरी पर था. ऑस्ट्रेलिया कोई और अंक हासिल करने में विफल रहा क्योंकि लेंटन और विल्सन ने 17-5 से जीत दर्ज की. हालांकि, स्कॉटलैंड ने नौवें छोर पर बढ़त हासिल करने के बाद रफ्तार पकड़ी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

दक्षिण अफ्रीका की विक्टोरिया वैन डेर मेर्वे और देसरी लेविन ने इंग्लैंड की मिशेल व्हाइट और गिलियन प्लैट को हराकर कांस्य पदक जीता. तीसरे छोर के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की थी. लेकिन स्कॉटिश जोड़ी ने तब कार्यभार संभाला और अपने विरोधियों से आगे निकल गए. 14वें छोर के बाद, उन्हें 17-5 के स्कोर के साथ विजेता घोषित किया गया.

लेंटन ने कहा, “यह पहली बार है कि महिलाओं के पैरा-बाउल को शामिल किया गया है. मैंने सोचा था कि मैं राष्ट्रमंडल खेलों में कभी नहीं पहुंच पाऊंगी और अगर मैं ऐसा करती हूं, तो यह एक दर्शक के रूप में होगा. यह प्रभावी रूप से हमारा ओलंपिक है क्योंकि हम और अधिक नहीं प्राप्त कर सकते हैं. ”कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने 18 मेडल अपने नाम किए हैं. इन 18 पदकों में 5 स्वर्ण, 6 रजत और 7 ब्रॉन्ज हैं. भारत को सबसे ज्यादा पदक वेटलिफ्टिंग से मिले हैं. इस स्पोर्ट से भारत को कुल 10 पदक मिले हैं.