

भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा, जिन्होंने पुरुषों के 67 किग्रा फाइनल में गोल्ड पर कब्जा कर भारत का नाम रोशन किया था, उन्होंने अपने एक टैटू को लेकर खुलासा किया है. उनके बाएं हाथ पर एक टैटू है जिसमें वजन उठाते हुए एक व्यक्ति को बनाया गया है, जिसके ऊपर रोमन अंकों में तारीख 11 नवंबर 2011 लिखी हुई है.
दरअसल, इस टैटू के पीछे भी एक कहानी है. जेरेमी लालरिनुंगा ने बताया कि टैटू में लिखी गई तारीख वह दिन है जब उन्होंने वेट उठाना शुरू किया था. तारीख के ठीक नीचे, बॉक्सिंग दस्ताने पहने हुए सीधे खड़े एक व्यक्ति को बनाया गया है, जोकि उनके पिता लालनीहटलुआंगा हैं, क्योंकि वह एक बॉक्सर हुआ करते थे.
क्या है टैटू के पीछे की कहानी
बता दें कि, जेरेमी ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पांचवां पदक जीता, उन्होंने अपने बाएं हाथ पर टैटू के पीछे एक दिलचस्प कहानी साझा की. जेरेमी ने अपने मैच के बाद कहा, "इस टैटू के पीछे की कहानी यह है कि मेरे पिता एक मुक्केबाज हुआ करते थे और मैं एक वेटलिफ्टर हूं, यह टैटू हम दोनों को एक साथ दिखाता है.
बर्मिंघम में जेरेमी ने रचा इतिहास
भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा ने रविवार को बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में पुरुषों के 67 किग्रा फाइनल में रिकॉर्ड तोड़ 300 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. इसके साथ, उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में देश का पांचवां पदक और आयोजन में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता.
उन्होंने स्नैच कैटेगरी में रिकॉर्ड तोड़ 140 किग्रा और क्लीन एंड जर्क कैटेगरी में 160 किग्रा की लिफ्ट हासिल की थी, जिसने उन्हें 300 किग्रा की लिफ्ट दी, जो कॉमनवेल्थ गेम्स में एक रिकॉर्ड है.
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