Indian Woman Wrestler Geetika Jakhar (Photo: Facebook)
Indian Woman Wrestler Geetika Jakhar (Photo: Facebook) हरियाणा को शुद्ध देसी खाने के साथ-साथ खेल और खिलाड़ियों के लिए भी जाना जाता है. इस राज्य ने देश को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दिए हैं. कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम हरियाणा को आज इसकी खिलाड़ी बेटियां एक नई पहचान दे रही हैं. आज का हरियाणा महिला पहलवानों, मुक्कोबाजों और कई अलग-अलग प्लेयर्स के नाम से जाना जा रहा है.
आज हरियाणा की एक पहलवान बेटी से हम आपको रू-ब-रू करा रहे हैं. यह कहानी है गीतिका जाखड़ की, जो एक भारतीय महिला पहलवान हैं. और हरियाणा सरकार में बतौर डीएसपी नियुक्त हैं. साल 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में गीतिका ने 63 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. 18 अगस्त 1985 को जन्मी गीतिका ने कई मौकों पर देश का नाम रोशन किया है.
विरासत में मिला है कुश्ती का खेल
पहलवान गीतिका जाखड़ को खेल और कुश्ती विरासत में मिली है. गीतिका के पिता स्पोर्ट्स अफसर हैं तो वहीं उनके दादा अपने जमाने के जाने-माने पहलवान रहे हैं. दादा के नक्शे कदमों प चलते हुए गीतिका ने कुश्ती में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने 13 साल की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू किया.
15 साल की उम्र में गीतिका ने भारत केसरी का खिताब जीता और फिर लगातार 9 सालों तक इस खिताब को जीतती रहीं. हालांकि, गीतिका कुश्ती से पहले एथलेटिक्स में अपना हाथ आजमा चुकी हैं. लेकिन एक बार उन्होंने कुछ लड़कियों को कुश्ती करते देखा तो बस ठान लिया कि उन्हें भी कुश्ती है करनी है. कुश्ती में उन्होंने कई सम्मान और खिताब हासिल किए हैं.
मिला है अर्जुन अवॉर्ड
हरियाणा पुलिस में डीएसपी गीतिका जाखड़ देश की पहली अर्जुन अवॉर्डी महिला पहलवान हैं. बात अगर उनकी अचीवमेंट्स की करें तो आज वह बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा हैं.