Harshada Sharad
Harshada Sharad कड़ी मेहनत और संघर्ष के साथ व्यक्ति बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है. कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है पुणे के बड़गांव शहर की रहने वाली हर्षदा शरद ने. महज 18 साल की हर्षदा शरद गरुड ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का सर फक्र से ऊंचा कर दिया है. हर्षदा को यूनान के हेराकलियोन में इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं.
हर्शदा के अलावा अन्य भारतीय अंजलि पटेल 148 किग्रा (67 किग्रा + 81 किग्रा) के ओवरऑल प्रदर्शन के साथ पांचवें स्थान पर रही हैं.
ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनी हर्षदा
महज 18 साल की उम्र में इतिहास रचने वाली हर्शदा ने वूमेंस 45 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीता है. बता दें, इस खिताब के साथ हर्शदा जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड लाने वाली पहली भारतीय हैं. इससे पहले 2013 में मारीबाई चानू ने ब्रॉन्ज, झिल्ली दलबेहरा ने 2018 में सिल्वर मेडल और अचिंत शुली ने 2021 में ब्रॉन्ज जीता था.
क्या है हर्शदा की कहानी?
दरअसल, जब हर्षदा कुल 12 साल की थी तभी से उनका वेटलिफ्टिंग का सफर शुरू हो गया था. बस फर्क इतना था कि यहां वे 50 किलो के चावल के बोरे को उठाया करती थीं. हर्षदा भी सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में आर्ट्स में ग्रेजुएशन कर रही हैं.
आपको बताते चलें, हर्षदा के पिता भी एक राज्य स्तरीय वेटलिफ्टर थे. हालांकि उन्हें कभी इवेंट में हिस्सा लेते हुए हर्षदा ने नहीं देखा. हर्षदा कहती हैं, “मैंने हमेशा अपने पिता के बारे में कहानियां सुनीं हैं. मैंने वेटलिफ्टिंग के अलावा कुछ और करने के बारे में कभी नहीं सोचा”
नाम पर हैं कई खिताब
हर्षदा के नाम पर कई खिताब हैं. इनमें खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIUG) 2020 में अंडर-17 गर्ल्स वेटलिफ्टिंग का खिताब. साथ ही इस साल के खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी हर्षदा का शानदार प्रदर्शन रहा है.
जीत के बाद हर्षदा गरुड़ ने पीटीआई से कहा, "मैं बहुत खुश हूं, मुझे विश्वास नहीं हो रहा, ये मेरे लिए एक सपने जैसा है. मैं बहुत खुश हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है. अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं,"