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कैसे शुरू हुआ था फुटबॉल खेल...ब्रिटेन के किंग ने बनवाए थे स्पेशल जूते, जानिए क्यों पड़ी इंटरनेशनल संस्था की जरूरत

फुटबॉल दुनिया का पॉपुलर खेल है. इस बार के फीफा वर्ल्ड कप को कतर ने होस्ट किया है. ये वर्ल्ड कप 20 नवंबर से 18 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 32 देशों की टीमें शामिल होंगी. विश्व कप का पहले मैच इक्वाडोर और कतर के बीच खेला गया जिसमें इक्वाडोर ने कतर को 2-0 से हरा दिया.

Football Match   (Representative Image) Football Match (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • ब्रौज स्मिथ ने साल 1878 में लिखी थी किताब

  • किंग हेनरी-8 ने बनाए थे स्पेशल जूते

फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसमें अंक अर्जित करने के लिए चमड़े और प्लास्टिक से बनी गेंद को लक्ष्य करके मारना होता है. अगर कोई खिलाड़ी पूरा गेम खेलता है तो उसे पूरे 90 मिनट तक दौड़ते रहना होता है. इस खेल में बहुत फुर्ती की जरूरत होती है.

दुनिया भर में एक अरब से अधिक प्रशंसकों के साथ, फुटबॉल दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला और सबसे लोकप्रिय खेल है. इसका एक लंबा इतिहास है. इसकी शुरुआत से लेकर दुनिया भर में इसके प्रसार तक, यह दुनिया भर में सबसे बड़े खेलों में से एक के रूप में विकसित हुआ है.

क्या है इतिहास?
फुटबॉल शब्द की उत्पत्ति के बारे में आपको अलग-अलग बातें सुनने को मिलेंगी. हालांकि पैर से मारकर खेले जाने की वजह से इसका नाम फुटबॉल पड़ा. फुट यानी पैर और बॉल का मतलब गेंद. फीफा के अनुसार फुटबॉल एक चीनी खेल सूजु का विकसित रूप है. यह खेल चीन में ह्याँ वंश के दौरान विकसित हुआ था. इस खेल को जापान असुका वंश के शासन काल में केमरी के नाम से खेला जाता था. कालांतर में 1586 ई० में यह जॉन डेविस नाम के एक समुद्री जहाज के कप्तान के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रीन लैंड में खेला गया था. फुटबॉल के विकास के बारे में रोबर्ट ब्रौज स्मिथ ने साल 1878 में एक किताब लिखी थी.

...फिर पहने जाने लगे स्पेशल जूते
फुटबॉल को जापान के असुका वंश के शासन काल में खेला जाता था. तब इस खेल को केमरी के नाम से जाना जाता था. 1586 में ग्रीन लैंड में भी फुटबॉल का मैच खेला गया था. तब इसे जॉन डेविस नाम के एक समुद्री जहाज के कप्तान ने अपने कुछ साथियों के साथ खेला था.साल 1409 में जब ये खेल ब्रिटेन पहुंचा तो वहां के राजकुमार हेनरी चतुर्थ ने इसे फुटबॉल नाम दिया. यह खेल लोगों को पसंद आने लगा. सन् 1526 में ब्रिटेन के किंग हेनरी-8 ने फुटबॉल खेलने के लिए एक तरह के खास जूते बनाने का आदेश दिया ताकि मैच को आसानी से खेला जा सके. 

फिर टीमों के बीच शुरू हुआ मैच
16वीं सदी के अंत और 17वीं की शुरुआत में फुटबॉल टूर्नामेंट शुरू कराए गए. इसमें टीम के तौर पर खिलाड़ी बांटे गए और मैच खेला गया. इसी दौरान इस खेल में पहली बार गोल करने का नियम बनाया गया. फिर खिलाड़ियों ने गोल की झड़िया लगाकर गोल पोस्ट बनाया. तब 8 या 12 गोल का एक मैच होता था.

पड़ी संस्था की जरूरत
20वीं शताब्दी में ये महसूस किया गया कि फुटबॉल के लिए इंटरनेशनल तौर पर एक संस्था होनी चाहिए.तब इस खेल को बचाए रखने के लिए इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने यूरोप के 7 बड़े देश फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड, डेनमार्क, बेल्जियम, स्वीडन और स्विट्जरलैंड ने मिलकर कई बैठकें की. फिर 21 मई 1904 को फेडरेशन इंटरनेशनल ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना हुई. इसका मुख्यालय स्वट्जरलैंड के ज्यूरिख में है. रोबर्ट गुएरिन इसके पहले अध्यक्ष थे.