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थॉमस कप में भारत की ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे इन चार खिलाड़ियों को जानिए

इंडिया की बैडमिंटन टीम ने थॉमस कप अपने नाम कर लिया है. इंडिया ने थॉमस कप में 73 साल के इतिहास में पहली बार गोल्ड मेडल जीता है. इस गोल्ड मेडल को भारत की झोली में डालने वाले है किदाम्बी श्रीकांत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी और लक्ष्य सेन. जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं.

India win Thomas Cup India win Thomas Cup
हाइलाइट्स
  • लक्ष्य सेन ने 16 साल की उम्र में एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

  • किदाम्बी श्रीकांत ने साल 2014 में चाइना ओपन सुपर सीरीज की अपने नाम

भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने पहला  थॉमस कप स्वर्ण पदक जीत लिया है. इसके साथ ही थॉमस कप में गोल्ड मेडल लाकर भारत ने इतिहास रच दिया है. भारत ने थॉमस कप को 73 साल के इतिहास में पहली बार इस टूर्नामेंट में सफलता हासिल की है. थॉमस कप को इंडिया की झोली में डालने वाले चार हीरो है. ये हीरो हैं लक्ष्य सेन, श्रीकांत किदाम्बी, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी. जिनकी मेहनत के चलते आज इंडिया टीम ने थॉमस कप में गोल्ड मेडल  हासिल किया है. हम इन्ही हीरो के बारे में बता रहे कि थॉमस कप तक का कैसा सफर रहा है. 

लक्ष्य सेन- लक्ष्य सेन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप अपने नाम कर लिया था. लक्ष्य ने यह चैंपियनशिप 2018 में जीता था. लक्ष्य उत्तराखंड के अल्मोड़ा से हैं. लक्ष्य जूनियर सिंगल टाइटल में अंडर 13, अंडर 17, अंडर 19 का खिताब अपने नाम कर चुके हैं. लक्ष्य ने अपनी पहचान साल 2016 में इटानगर में हुई ऑल इंडिया सीनियर चैंपियनशिप से बनाई थी. लक्ष्य को  बैडमिंटन खेलने की ट्रेनिंग प्रकाश पादुकोण से मिली हैं. वहीं लक्ष्य के पिता डीके सेन भारत के जाने माने बैडमिंटन कोच हैं. इतना ही नहीं इनके बड़े भाई भी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. 

Lakshya Sen
Lakshya Sen

किदाम्बी श्रीकांत-  श्रीकांत को पहचान साल 2014 में चाइना ओपन सुपर सीरीज में लिन डैन को हार का स्वाद चखाने के बाद मिली थी. श्रीकांत 2015 में स्विस ओपन ग्रां प्री गोल्ड में स्वर्ण पदक जीत चुके है. ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बने. श्रीकांत 2017 में  इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर खिताब भी  जीत चुके हैं. श्रीकांत 2018 में पुरुष एकल रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए थे. श्रीकांत के कोच पुलेला गोपीचंद हैं. श्रीकांत को भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री भी मिल चुका हैं. श्रीकांत किदाम्बी आंध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले हैं. 

Kidambi Srikanth
Kidambi Srikanth

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी- जानकारी के अनुसार रणकीरेड्डी 6 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था. रणकीरेड्डी ने एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप 2015 बॉयज डबल्स में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और वहां उन्होंने अपना पहला गोल्ड मेडल जीता.सात्विकसाईराज के करियर का टर्निंग पॉइंट  मॉरीशस इंटरनेशनल सहित इंटरनेशनल चैलेंज सीरीज़ को माना जाता हैं. इस टूर्नामेंट में उन्होंने  3 मिश्रित युगल खिताब और 4 युगल खिताब अपने नाम किया था. 2016 से सात्विकसाईराज चिराग शेट्टी के साथ  डबल खेल रहे हैं. वहीं दोनों जोड़ी ने मॉरीशस इंटरनेशनल, इंडिया इंटरनेशनल सीरीज़, बांग्लादेश इंटरनेशनल और वियतनाम ओपन इंटरनेशनल चैलेंज का ख़िताब अपने नाम कर चुकी हैं. 2019 में सात्विकसाईराज ने चिराग शेट्टी के साथ मिलकर थाईलैंड ओपन डबल्स का खिताब अपने नाम किया. 

Satwiksairaj Rankireddy and Chirag Shetty
Satwiksairaj Rankireddy and Chirag Shetty

चिराग शेट्टी- चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की बेहतरीन हैं. वहीं दोनों की समझ काफी समझ काफी अच्छी हैं. इस युवा जोड़ी ने मिलकर 6 बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन सीरीज़ गोल्ड मेडल जीते हैं. चिराग 2016 एशिया टीम चैंपियनशिप में पीतल, 2018 हैदराबाद ओपन (सुपर 100) में सोना, सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट (सुपर 300) में चांदी, राष्ट्रमंडल खेल में चांदी, 2019 थाईलैंड ओपन (सुपर 500) में सोना और फ्रेंच ओपन (बीडब्ल्यूएफ 750) में चांदी अपने नाम कर चुके हैं. वहीं अब उनके नाम थॉमस कप टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल भी हो गया है. 

Chirag Shetty and Satwiksairaj Rankireddy
Chirag Shetty and Satwiksairaj Rankireddy