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रामगंजमंडी का जवान बना विश्व चैंपियन! अमेरिका में CRPF के दिलीप मालव ने कराटे में जीता गोल्ड मेडल!

रामगंजमंडी के मोड़क गांव का यह सपूत न केवल एक CRPF जवान है, बल्कि एक समर्पित खिलाड़ी भी है. दिलीप की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक मंच पर स्वर्ण पदक जीतना कोई छोटी बात नहीं है.

दिलीप कुमार मालव दिलीप कुमार मालव

राजस्थान के छोटे से कस्बे रामगंजमंडी के मोड़क गांव ने विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ दी है. यहां के CRPF जवान दिलीप कुमार मालव ने अमेरिका के बर्मिंघम में आयोजित 21वें वर्ल्ड पुलिस गेम्स में कराटे प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. यह प्रतियोगिता 27 जून से 6 जुलाई 2025 तक चली, जिसमें दुनिया भर के 70 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. 

कराटे में दिखाया दम, सेमीफाइनल और फाइनल में मारी बाजी
दिलीप कुमार मालव ने वर्ल्ड पुलिस गेम्स की कराटे प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया. सेमीफाइनल में उन्होंने मलेशिया की मजबूत टीम को हराकर फाइनल में जगह बनाई. फाइनल मुकाबले में उनका सामना रोमानिया की टीम से हुआ, जहां दिलीप ने अपनी कुशलता और तकनीक से प्रतिद्वंद्वी को धूल चटाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

इस प्रतियोगिता में दिलीप के साथ उनकी टीम में महेंद्र यादव, अनिल शर्मा और अजय थंगचन भी शामिल थे, जिन्होंने मिलकर भारत का परचम लहराया.

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गांव से विश्व मंच तक
रामगंजमंडी के मोड़क गांव का यह सपूत न केवल एक CRPF जवान है, बल्कि एक समर्पित खिलाड़ी भी है. दिलीप की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक मंच पर स्वर्ण पदक जीतना कोई छोटी बात नहीं है. उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा और जुनून के आगे कोई बाधा टिक नहीं सकती.

बता दें, दिलीप 7 जुलाई 2025 को भारत लौटेंगे और इसके बाद अपने गांव मोड़क पहुंचेंगे. गांववाले अपने इस लाल का भव्य स्वागत करने की तैयारी में जुट गए हैं. दिलीप की इस जीत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे रामगंजमंडी और कोटा को गौरवान्वित किया है.

दिलीप कुमार मालव की यह उपलब्धि युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने दिखाया कि मेहनत, अनुशासन और देश के लिए समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है. उनकी इस जीत ने यह भी साबित किया कि छोटे शहरों और गांवों से भी ऐसी प्रतिभाएं निकल सकती हैं, जो विश्व स्तर पर भारत का नाम ऊंचा करें.

(चेतन गुर्जर की रिपोर्ट)