scorecardresearch

Sikandar Raza: लंदन में डिनर, दुबई में ब्रेकफास्ट, टॉस से 10 मिनट पहले लाहौर में लैंडिंग, फिर 7 गेंदों में तूफानी पारी खेल बनाया चैंपियन

सिकंदर रजा ने रविवार को बर्मिंघम से लाहौर तक की यात्रा की. पहले उन्होंने ज़िम्बाब्वे के लिए टेस्ट मैच खेला और फिर पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) फाइनल में लाहौर कलंदर्स के लिए विजयी रन बनाए.

Sikandar Raza Sikandar Raza

लाहौर कलंदर्स ने तीसरी बार पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) जीतकर इतिहास रच दिया. इस जीत का श्रेय जिम्बाब्वे के खिलाड़ी सिकंदर रज़ा को दिया जा रहा है. हालांकि, इस जीत से ज्यादा दिलचस्प कहानी है सिकंदर रजा के इस मैच में खेलने की. सिकंदर रजा ने रविवार को बर्मिंघम से लाहौर तक की यात्रा की. पहले उन्होंने ज़िम्बाब्वे के लिए टेस्ट मैच खेला और फिर पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) फाइनल में लाहौर कलंदर्स के लिए विजयी रन बनाए. 

सिकंदर रजा नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच का हिस्सा थे.  दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे की टीम 60 रन पर सिमट गई और तीन दिन में ही टेस्ट मैच खत्म हो गया. रज़ा भी 60 रन पर आउट हो गए थे. लेकिन जैसे ही मैच खत्म हुआ तो वह तुरंत बर्मिंघन के लिए रवाना हो गए ताकि यूके से लाहौर की फ्लाइट ले सकें और लाहौर कलंदर्स के लिए फाइनल मुकाबले में खेल सकें. 

टॉस होने से 10 मिनट पहले पहुंचे 
इससे पहले भी रज़ा इंग्लैंड से उड़कर पाकिस्तान आए थे ताकि लाहौर कलंदर्स को नॉकआउट में जगह दिलाने में मदद कर सकें. बिजनेस क्लास की टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने इकॉनोमी फ्लाइट से दुबई तक सफर किया, वहां छह घंटे का लेओवर लिया, फिर अबू धाबी तक गाड़ी से गए और फिर लाहौर की फ्लाइट ली. टॉस होने से 10 मिनट पहले उनकी फ्लाइट लैंड की. एयरपोर्ट से वह गद्दाफी स्टेडियम पहुंच ही रहे थे कि कप्तान शाहीन अफरीदी ने टॉस के वक्त उनकी प्लेयिंग इलेवन में पुष्टि कर दी. 

सम्बंधित ख़बरें

बर्मिंघम में डिनर, दुबई में नाश्ता 
रज़ा ने मैच के बाद कहा कि वह यहां एक ज़िम्मेदारी निभाने आए थे. ख़ुदा ना खास्ता अगर वे मैच हार भी जाते, तो भी उनके दिल को सुकून रहता कि वह अपने भाइयों के साथ थे. उन्होंने कहा, “परेशानी यह है कि मैंने टेस्ट मैच में 25 ओवर गेंदबाज़ी की, फिर रविवार को 20 ओवर बल्लेबाज़ी की. बर्मिंघम में रात का खाना खाया, दुबई में सुबह का नाश्ता किया, अबू धाबी में लंच, फिर फ्लाइट ली और पाकिस्तान में डिनर किया. यही है पेशेवर क्रिकेटर की ज़िंदगी- और मैं खुद को सौभाग्यशाली और धन्य समझता हूं कि मुझे यह जीवन मिला है.”

हीरो की तरह की फिनिशिंग
जब लाहौर कलंदर्स 202 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और जीत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी, तब 39 वर्षीय रज़ा बल्लेबाज़ी करने उतरे. उन्होंने राइली रूसो का एक अहम विकेट भी लिया था. इसके बाद बल्ले से तूफानी प्रदर्शन किया. उन्होंने सिर्फ 7 गेंदों पर 22 रन बनाए, जिसमें दो चौके और दो छक्के शामिल थे. आखिरी गेंद से एक गेंद पहले उन्होंने जीत के रन बनाए और लाहौर को PSL फाइनल जिताया. 

उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच और सफर ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से इतना थका दिया था कि मैदान पर वह पूरी तरह खाली दिमाग से थे. बस खुद से कह रहे थे कि बॉल देखो और खेलो. वह कुछ सोच नहीं रहे थे कि बॉल कहां जाएगी या उन्हें क्या करना है? बस जहां बॉल है, वहां सबसे अच्छा शॉट मारो. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सिकंदर रज़ा के इस कारनामे को फ्रेंचाइजी क्रिकेट सर्किट में सालों तक याद रखा जाएगा.