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South Asia 7-A-Side Unified Football Tournament: ढाका के लिए रवाना हुईं भारतीय टीमें, Intellectually Disabled Athletes को आगे बढ़ा रहा है Special Olympics Bharat

70 से कम IQ लेवल वाले खिलाड़ियों के लिए स्पेशल ओलंपिक का आयोजन बांग्लादेश के ढाका में हो रहा है. इस टूर्नामेंट के लिए भारत भी दो टीमें भेज रहा है. Special Olympic South Asia 7-A-Side Unified Football Tournament का आयोजन 16 अप्रैल से 20 अप्रैल 2024 तक होने वाला है.

Special Olympics Bharat send off Indian Teams for International Tournament Special Olympics Bharat send off Indian Teams for International Tournament
हाइलाइट्स
  • 8 अलग-अलग राज्यों से हैं एथलीट्स

  • पिछले तीन सालों से जुड़ी है मानव रचना यूनिवर्सिटी

स्पेशल ओलंपिक्स साउथ एशिया 7-ए-साइड यूनिफाइड फुटबॉल टूर्नामेंट 2024 बांग्लादेश के ढाका में 16 से 20 अप्रैल 2024 तक होने वाला है. इस टूर्नामेंट में भारत की तरफ से पुरुष और महिला टीमें हिस्सा ले रही हैं. Special Olympics Bharat ने हरियाणा में फरीदाबाद के मानव रचना यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इन टीमों के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. तरनजीत और एमआरआईआईआरएस  (MRIIRS) के डीन डॉ. एनसी वाधवा (आईएएस, सेवानिवृत्त) मौजूद रहे. 

स्पेशल ओलंपिक्स भारत (SOB) के कार्यकारी निदेशक वीरेंद्र कुमार महेंद्रू भी मौजूद रहे. भारतीय एथलीटों की प्रतिभा की झलक दिखाने के लिए पुरुष और महिला दोनों टीमों के दो एक्सीवेशन मैच भी आयोजित किए गए. मानव रचना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी मैचों में हिस्सा लिया.

टीमों में 8 अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी-
इस टूर्नामेंट में भारत की दो टीमें भाग लेंगी- एक लड़कों की और एक लड़कियों की. एक टीम में 11 एथलीट हैं और हर एक में यूनिफाइड पार्टनर्स (नॉर्मल खिलाड़ी) हैं. इसके अलावा एक टीम के साथ 5 कोच शामिल हैं. ये खिलाड़ी 8 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, झारखंड, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के खिलाड़ी शामिल हैं.

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टूर्नामेंट में 5 देश शामिल-
बांग्लादेश के ढाका में आयोजित टूर्नामेंट में 5 देश शामिल हैं. इसमें बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, मालदीव और हांगकांग का प्रतिनिधित्व करने वाली 9 यूनिफाइड फुटबॉल टीमें हिस्सा लेंगी. ये मैच ढाका के बशुंधरा किंग्स स्पोर्ट्स एरिना स्टेडियम में आयोजित किए जायेंगे. स्पेशल ओलंपिक्स ने भारतीय टीमों के लिए फाइनल कैंप 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच मानव रचना विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था.

3 साल से कैंप लगा रहा है विश्वविद्यालय-
मानव रचना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स वेलफेयर डिपार्टमेंट की डीन डॉ. गुरजीत कौर चावला ने बताया कि मानव रचना यूनिवर्सिटी पिछले तीन सालों से स्पेशल ओलंपिक्स भारत के साथ मिलकर एथलीट्स की तैयारी के लिए कैंप्स होस्ट कर रही है. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी का विजन सबको साथ लेकर चलना है और ऐसे में इन स्पेशल एथलीट्स को आगे बढ़ने में योगदान देना उनके लिए गर्व की बात है.

खिलाड़ियों को दी जाती हैं ये सुविधाएं-
फुटबॉल प्रैक्टिस सेशन के अलावा, यूनिवर्सिटी के अलग-अलग डिपार्टमेंट जैसे न्यूट्रिशन, फिजियोथेरेपी, साइकोलॉजी और मेडिटेशन आदि भी इन एथलीट्स की मदद करते हैं. एथलीट्स को हर तरह से मजबूत बनाने के लिए उनके अलग-अलग सेशन जैसे साइकॉलोजिक काउंसलिंग, फिजियोथेरेपी सेशन आदि किए जाते हैं. साथ ही, न्यूट्रिशन डिपार्टमेंट उनके लिए खास डाइट तैयार करता है. यूनिवर्सिटी के कैंप के दौरान एथलीट्स के हॉस्टल में रुकने और अच्छे खाने का भी इंतजाम होता है. 

क्या है Special Olympics Bharat-
स्पेशल ओलंपिक्स भारत (SOB) एक ग्लोबल संस्थान Special Olympics का हिस्सा है. स्पेशल ओलंपिक्स हर साल सैकड़ों हजारों वॉलंटियर्स और कोचों के साथ काम करके Intellectual Disabled एथलीट्स को आगे बढ़ाता है. साल 1968 में स्पेशल ओलंपिक्स की स्थापना के बाद से हजारों  Intellectual Disabled एथलीट्स को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने का मौका मिला है. साथ ही, लोगों के बीच इस बारे में जागरूकता भी बढ़ रही है.

दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए होते हैं अलग-अलग गेम्स-
SOB हरियाणा के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दिव्यांगता के आधार पर अलग-अलग ओलंपिक गेम्स होते हैं. इसमें पैरा ओलंपिक्स, डेफ ओलंपिक्स, और स्पेशल ओलंपिक्स शामिल है. शारीरिक तौर पर दिव्यांग एथलीट्स पैरा ओलंपिक में कंपीट करते हैं, जबकि डेफ ओलंपिक उन एथलीट्स के लिए होता है, जो सुन नहीं सकते हैं. इसके अलावा स्पेशल ओलंपिक होता है, जो Intellectually Disabled एथलीट्स यानी 70 से कम IQ लेवल वाले खिलाड़ियों के लिए होता है. SOB के तहत Intellectually Disabled एथलीट्स के साथ काम किया जा रहा है.

इस तरह होता है एथलीट्स का सलेक्शन-
SOB के वॉलंटियर्स नियमित रूप से सामाजिक संगठनों, सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों में जाकर इंटेलेक्चुअली डिसेबल्ड छात्रों को लेकर काउंसलिंग सेशन करते हैं और इन छात्रों को स्पोर्ट्स से जोड़ने का काम करते हैं. वॉलंटियर्स सभी जगहों पर जाते हैं और इन बच्चों को SOB की स्टेट चैंपिनशिप में भेजने के लिए स्कूलों, शिक्षकों और  माता-पिता को जागरूक करते हैं.

वीरेंद्र कुमार ने बताया कि स्पेशल ओलंपिक्स भारत के तहत इन एथलीट्स को 16 समर गेम्स और 8 विंटर गेम्स में आगे बढ़ाया जाता है. संगठन की तरफ से स्कूलों और दूसरे संस्थानों में स्पोर्ट्स टीचर को भी बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है कि वे कैसे इन स्पेशल एथलीट्स के साथ डील करें? जब ये एथलीट्स स्टेट चैंपियनशिप के लिए आते हैं तो कंप्टीशन के दौरान इनकी क्षमता को देखा और परखा जाता है.

वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि कोई खिलाड़ी फुटबॉल खेलने आता है, लेकिन उसकी क्षमता दूसरे गेम्स के लिए अच्छी होती है. ऐसे में उन खिलाड़ियों की पहचान की जाती है और उस खेल में भेजा जाता है. उन खिलाड़ियों का सलेक्शन नेशनल चैंपियनशिप के लिए किया जाता है और बेहतर करने वाले खिलाड़ियों को इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स के लिए भेजा जाता है.

खिलाड़ियों को मिलता है कैश अवॉर्ड-
वीरेंद्र कुमार ने आगे बताया कि साल 2014 के बाद से स्पेशल एथलीट्स को जीतने पर कैश अवॉर्ड भी मिलने लगा है. जिसके बाद ना सिर्फ माता-पिता, बल्कि स्कूल भी इन छात्रों को खेल से जोड़ने पर जोर दे रहे हैं. हर साल हरियाणा में स्पेशल एथलीट्स को भीम अवॉर्ड के लिए भी चुना जाता है. उन्होंने कहा कि अब तक हरियाणा से SOB से जुड़े सात खिलाड़ियों को भीम अवॉर्ड मिल चुका है. साथ ही, बहुत से एथलीट्स को लाखों में कैश प्राइज मिला है.

बांग्लादेश जा रहे भारतीय दल में भी हरियाणा के झज्जर की एक बेटी शामिल है, जो बहुत ही साधारण परिवार से आती है. ये खिलाड़ी अपने स्कूल और इलाके में अपने जैसे बच्चों के लिए मिसाल बन चुकी है. वहीं, भारतीय दल को प्रेरित करते हुए स्पेशल ओलंपिक्स भारत की चेयरपर्सन डॉ. मल्लिका नड्डा ने कहा कि ढाका में 7-ए-साइड यूनिफाइड फुटबॉल टूर्नामेंट खेल के मैदान पर और बाहर विभिन्न पृष्ठभूमि और क्षमताओं के लोगों को जोड़ने में यूनिफाइड स्पोर्ट्स के योगदान पर ध्यान देने का एक और मौका है. प्रशिक्षकों और टीम के साथियों के अभ्यास और कठोर कार्यक्रम को देखते हुए मुझे कोई संदेह नहीं है कि हमारी टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी.