

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. उन्होंने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहने हुए 14 साल हो चुके हैं. ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फॉर्मेट मुझे किस सफर पर ले जाएगा. इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा."
14 साल बाद लिया रिटायरमेंट
उन्होंने लिखा, "सफ़ेद जर्सी में खेलना एक बहुत ही निजी अनुभव है. खामोशी की मेहनत, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता लेकिन जो हमेशा आपके साथ रहते हैं. इस फॉर्मैट से दूर जाना आसान नहीं है लेकिन यही सही लगता है. मैंने इसमें अपना सब कुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा दिया है."
विराट कोहली ने 2011 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ किंगस्टन में भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. वह भारत के 269वें टेस्ट प्लेयर थे. और उन्होंने अपने रिटायरमेंट के ऐलान में इस नंबर का ज़िक्र भी किया. कोहली ने अपना आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेला. इस मैच की दो पारियों में कोहली क्रमशः 17 और 6 रन ही बना सके थे.
कोहली ने लिखा, "मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभार से भरा दिल लेकर जा रहा हूं जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया. मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा. 269, साइनिंग ऑफ."
रहे भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
विराट कोहली न सिर्फ भारत के सबसे बड़े टेस्ट क्रिकेटरों में से एक रहे, बल्कि भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी रहे. उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें से 40 में भारत को जीत मिली. खास बात यह है कि भारत कोहली की कप्तानी में घरेलू सरज़मीन पर एक भी टेस्ट सीरीज़ नहीं हारा. कोहली ने 2014 से 2022 के बीच 11 घरेलू सीरीज़ में भारत की कप्तानी की और सभी में भारत को जीत मिली.
कुल मिलाकर भारत ने कोहली की कप्तानी में घरेलू सरज़मीन पर 31 मैच खेले. इनमें से 24 में भारत को जीत मिली, पांच मैच ड्रॉ रहे और सिर्फ दो बार हार का सामना करना पड़ा. एक हार 2017 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों और एक हार 2021 में इंग्लैंड के हाथों मिली. ऐसे अद्भुत रिकॉर्ड की वजह से ही कोहली को दुनिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों की लिस्ट में रखा गया है.
अगर लिस्ट पर नज़र डाली जाए तो इसमें सबसे ऊपर ग्रेम स्मिथ हैं, जिन्होंने 109 मैचों में साउथ अफ्रीका की कप्तानी की और 53 में जीत हासिल की. लिस्ट में दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के रिकी पॉन्टिंग हैं जिन्होंने 77 मैचों में कप्तानी कर 48 में जीत हासिल की. तीसरा स्थान स्टीव वॉ के पास है जिन्होंने 57 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर 41 में जीत हासिल की. लिस्ट में एकमात्र भारतीय विराट कोहली हैं जिन्होंने 68 में से 40 मैच जीते.
मज़बूत कप्तान नहीं, चाबुक बल्लेबाज़ भी
कोहली ने 123 मैचों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 30 शतक और 31 अर्द्धशतक जड़े. एक वक्त था जब कोहली के टेस्ट शतक उनके अर्द्धशतकों की तुलना में कई ज्यादा थे, लेकिन 2020-2022 के दौरान खराब फॉर्म ने उनके आंकड़ों को गहरी चोट पहुंचाई. इसी समय के दौरान उनकी टेस्ट एवरेज भी 50 के नीचे आ गई.
बहरहाल, अपनी फॉर्म के यौवन पर कोहली ने टेस्ट क्रिकेट पर राज किया. उन्होंने इस फॉर्मैट में सात दोहरे शतक लगाए. सभी बतौर कप्तान. वह एक कप्तान के रूप में सात दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी भी हैं. कोहली ने अपना आखिरी शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई हालिया टेस्ट सीरीज़ में बनाया था. हालांकि यह उनकी आखिरी टेस्ट सीरीज़ साबित हुई.
बाक़ी रह गई कसक...
विराट कोहली का टेस्ट करियर भले ही कई पैमानों से शानदार रहा हो, लेकिन क्रिकेट के किंग कहे जाने वाले इस सूरमा के क़द के आगे अधूरा लगता है. साल 2016-19 के दौरान कोहली की फॉर्म देखकर लगता था कि दुनिया की मुश्किल से मुश्किल पिच उन्हें रोकने का माद्दा नहीं रखती. लेकिन 2020 के बाद बिगड़ी फॉर्म के कारण कोहली कई मोर्चों पर पीछे रह गए.
अव्वल तो यह कि कोहली अपना 10,000 टेस्ट रन बनाने का सपना पूरा नहीं कर सके. उन्होंने चाहा था कि वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए यह आंकड़ा छुएं, जो दुनिया का लगभग हर महान क्रिकेटर छूता है. इसके अलावा कोहली टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ 30 शतक लगाकर इस फॉर्मैट को अलविदा कह रहे हैं. वनडे क्रिकेट में जहां कोहली के 51 शतक हैं, वहीं टेस्ट का यह आंकड़ा उनके कद के आगे छोटा लगता है.
इसके अलावा कोहली 2020 के बाद गिरती हुई अपनी टेस्ट एवरेज को भी नहीं संभाल सके. प्रशंसकों, आलोचकों और विशेषज्ञों, सबका मानना है कि कोहली में अभी काफी क्रिकेट बाकी है. टेस्ट क्रिकेट के लिए उनका प्रेम छिपा हुआ नहीं. ऐसे में स्टैट्स बुक में उनकी 50 से नीचे की टेस्ट बल्लेबाजी औसत उनके चाहने वालों को बहुत चुभेगी.
बहरहाल, कोहली ने एक यादगार टेस्ट करियर का अंत किया है. किंगस्टन में शुरू हुआ उनका यह सफर एडिलेड 2014, बर्मिंघम 2018 और पर्थ 2024 जैसे कई अहम और यादगार पड़ावों से होता हुआ गुज़रा है. यह कहना ग़लत नहीं होगा कि कोहली के संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत हुआ है.