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15 साल की गीतांजली राव ने किया एक और आविष्कार, बच्चों की मदद के लिए बनाया Problem Based Learning डिवाइस

15 साल की गीतांजली राव (Gitnajali Rao)की खासियत तकनीक के जरिए समस्याएं सुलझाना है. गीतांजली को इंसानी समस्याएं सुलझाने का जुनून सा है जो उनके काम में साफ तौर पर दिखाई देता है.

गीतांजली राव गीतांजली राव
हाइलाइट्स
  • गीतांजली ने किशोरों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए बनाया डिवाइस

  • खराब पीने के पानी को लेकर भी रहा है गीतांजली का योगदान

भारतीय मूल (Indian Origin) की 15 साल की गीतांजली राव (Gitnajali Rao) एक साइंसिस्ट और इन्वेंटर हैं, जिन्होंने बच्चों की मदद के लिए प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग का आविष्कार किया है. इसके साथ ही वह और भी कई मुद्दों पर काम कर चुकी हैं. भारत में यूएस मिशन द्वारा आयोजित डायस्पोरा डिप्लोमेसी स्पीकर सीरीज में गीतांजली राव ने अपने अनुभवों, अपनी विचार प्रक्रियाओं के साथ-साथ अपने आने वाले आविष्कारों के बारे में बात की.

पानी की शुद्धता को लेकर भी कर चुकी हैं काम

गीतांजलि, यूएस की एक भारतीय मूल की छात्रा और एक कुशल आविष्कारक है, जो टेथिस के साथ सबसे आगे आई है. यह एक ऐसी डिवाइस है जो पानी में लेड के स्तर का पता लगाती है और ब्लूटूथ पर सूचना प्रसारित करती है. गीतांजली ने बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता को घर पर पानी में सीसा के स्तर का परीक्षण करते देखा और यह प्रक्रिया थकाऊ, अविश्वसनीय और महंगी थी. इसलिए उन्होंने फ्लिंट वाटर क्राइसिस के बारे में जानने के बाद एक समाधान खोजने का फैसला किया, जहां लोगों को पीने योग्य पानी तक पहुंचने के लिए लाइन में लगना पड़ा. 

गीतांजली ने कई अन्य आविष्कारों पर भी काम किया है, जिसका लक्ष्य हर साल कम से कम एक पर काम करना है. उनका कहना है कि वह बदलाव लाने वाला बनना चाहती हैं और समाज पर इसका प्रभाव डालना चाहती हैं. वह विश्व समस्याओं के लिए विचारों और समाधानों के साथ आने का एक सतत प्रयास करती हैं.

प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग का आविष्कार

उनके विचारों और आविष्कारों में एक और आविष्कार जुड़ गया है. किशोरों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और अवसाद की दरों को कम करने में मदद करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फोटो ट्रांसफॉर्मेशन का पता लगाने का एक तरीका शामिल है. उन्होंने बच्चों की मदद के लिए प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग का आविष्कार किया है. 

'सीखने के लिए सरल दृष्टिकोण जरूरी'

गीतांजलि राव ने कहा कि स्कूलों को समस्या-आधारित शिक्षा के लिए तैयार करने की आवश्यकता है. "हम स्कूलों के वास्तविक उद्देश्य को भूल गए हैं, जो हमें वास्तविक जीवन के लिए तैयार करना है. हर कोई अच्छे अंक पाने, परीक्षा की तैयारी करने में इतना व्यस्त है, लेकिन हमें सीखने और सोचने के लिए अधिक सरल दृष्टिकोण की आवश्यकता है". उन्होंने कहा बच्चों को एक ऐसे वातावरण की आवश्यकता है जो विकास को बढ़ावा देता है और कम जोर देता है विफलता को कलंकित करने पर. 

2020 में जीता था TIME अवॉर्ड

भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने 2020 में 'किड ऑफ द ईयर' खिताब से नवाजा था. एक उभरती वैज्ञानिक और खोजकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली पंद्रह साल की गीतांजलि ने करीब पांच हजार बच्चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया था. 
 

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