
जब इंसानों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आविष्कार किया तो उम्मीद थी कि यह टेक्नोलॉजी बीमारियों का इलाज करने में, साइंटिफिक खोज करने में और कई अन्य अच्छे काम करने में मददगार साबित होगी. भले ही हम में से ज्यादातर ने अब तक एआई का इस्तेमाल जिबली तस्वीरें बनाने जैसे कामों के लिए किया हो, लेकिन थाईलैंड पुलिस ने इस तकनीक का इस्तेमाल कर एक हत्यारे को पकड़ लिया है.
चैटजीपीटी से पकड़ा आरोपी
थाईलैंड पुलिस ने उडोन थानी प्रांत में एक सड़क दुर्घटना में दो लोगों की हत्या करने वाले एक शख्स को चैटजीपीटी की मदद से ढूंढ निकाला है. दरअसल इस मामले में पुलिस के पास बहुत कम सुराग मौजूद थे. ऐसे में पुलिस ने आरोपी की शनाख्त के लिए चैटजीपीटी की मदद लेने का फैसला किया. पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर मौजूद आरोपी की गाड़ी का एक टुकड़ा चैटजीपीटी को दिखाया. चैटजीपीटी ने गाड़ी की सारी डीटेल्स निकाल दीं, जिसकी मदद से पुलिस ने आरोपी को पकड़ निकाला.
दरअसल छह जुलाई 2025 की रात को उडोन थानी में एक घातक सड़क दुर्घटना हुई जिसमें दो लोगों की जान चली गई. पुलिस कुछ देर बाद मौके पर पहुंची लेकिन दुर्घटना के फौरन बाद आरोपी वहां से फरार हो चुका था. पुलिस ने आसपास मौजूद सीसीटीवी कैमरों से फुटेज हासिल की और कई चश्मदीद गवाहों का बयान भी लिया. लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं हुआ. आखिर पुलिस को गाड़ी का एक छोटा सा टुकड़ा मिला जो उन्हें आरोपी तक ले गया.
चैटजीपीटी ने कैसे ढूंढी कार?
आमतौर पर पुलिस गाड़ी के उस टुकड़े की पहचान के लिए किसी फॉरेंसिक लैब या गाड़ियों के एक्सपर्ट के पास जाती लेकिन इस बार उन्होंने एआई का सहारा लेने का फैसला किया. पुलिस के पास एक गाड़ी का फ्रंट बंपर अपर री-इनफोर्समेंट था, जिसके ऊपर '52113-0K140' नंबर लिखा था. पुलिस ने उस टुकड़े की एक फोटो को चैटजीपीटी पर डाला और एआई मॉडल ने कुछ ही सेकंड में बता दिया कि यह हिस्सा एक टोयोटा हिलक्स वीगो चैंप मॉडल का है.
अब पुलिस सिर्फ एक खास तरह की गाड़ी ढूंढ रही थी. जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने दुर्घटना के समय उस इलाके में मौजूद एक खास तरह के टोयोटा पिकअप ट्रक ढूंढना शुरू कर दिया. पुलिस ने दुर्घटना स्थल के आसपास और संभावित भागने के रास्तों से सुरक्षा फुटेज की जांच की. उन्हें जल्द ही सही समय और स्थान पर दिखाई देने वाली क्षति वाली एक टोयोटा हिलक्स विगो चैंप कार मिल गई.
कुछ दिनों बाद ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे हिरासत में ले लिया गया. अधिकारियों ने अभी तक संदिग्ध की पहचान सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन उन्होंने पुष्टि की है कि वाहन एआई-जनित विश्लेषण और वीडियो साक्ष्य, दोनों से मेल खाता है.
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला सिर्फ़ इसलिए खास नहीं है कि पुलिस आरोपी को पकड़ने में सफल रही, बल्कि इसलिए भी कि यह कैसे हासिल हुआ. इस घटना से पता चलता है कि अगर एआई की क्षमताओं का सही तरह इस्तेमाल किया जाए तो कई बड़े कामों को आसान किया जा सकता है और उन्हें तेज़ी से अंजाम भी दिया जा सकता है.