

बीती गुरुवार को एक भयावह हादसा हुआ. अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट कुछ ही मिनटों में क्रैश हो गई है. अहमदाबाद में हुए इस हादसे में अब तक 270 लोगों की जान चली गई है. एयर इंडिया -171 फ्लाइट में 2 पायलट, 10 क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग थे. इस हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया है.
मृतकों के शवों को परिवार तक पहुंचाने के लिए प्रशासन लगातार काम कर रहा है. इस बारे में राहत कमिश्नर आलोक पांडे ने कहा, प्लेन क्रैश के बाद राज्य और केंद्र की एजेंसियों ने साथ मिलकर काम किया. गुजरात के 33 जिलों में से 18 जिलों में मृतक रहते है, उनके परिवार से संपर्क हुआ है. आलोक पांडे ने बताया कि 230 टीम बनाई गई हैं. परिवारों को आज से शव सौंपने का काम शुरू किया गया है.
गुरुवार को हादसे के बाद तुरंत बाद बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया गया था. मृतकों के शवों को निकालने का काम किया. इसके अलावा ब्लैक बॉक्स को खोजने का काम भी साथ में किया गया. बीती शुक्रवार को शाम 5 बजे एयर इंडिया फ्लाइट- 171 का ब्लैक बॉक्स मिल गया. इसके अलावा डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर भी रिकवर हुआ है. कहा जा रहा है कि इस ब्लैक बॉक्स से प्लेन के क्रैश होने की असली वजह सामने आ जाएगी. ब्लैक बॉक्स क्या होता है और हर प्लेन में क्यों रखा जाता है? आइए इस बारे में जानते हैं.
ब्लैक बॉक्स क्या है?
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को प्लेन क्रैश को लेकर सारी जानकारी दी. मंत्री नायडू ने कहा कि एयरक्रॉफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) टीम ब्लैक बॉक्स को डिकोड कर रही है. AAIB का मानना है कि इस बॉक्स से हादसे से पहले क्या हुआ होगा? उसकी जानकारी मिल जाएगी. मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि हम एयरक्रॉफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच के नतीजे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
The Flight Data Recorder (Black Box) has been recovered within 28 hours from the accident site in Ahmedabad by AAIB. This marks an important step forward in the investigation. This will significantly aid the enquiry into the incident.
— Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK) June 13, 2025
ब्लैक बॉक्स असल में काले रंग का नहीं होता है. ये बॉक्स नारंगी रंग का होता है. ब्लैक बॉक्स हर फ्लाइट की एक जरूरी मशीन होती है. इस बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और वॉयस रिकॉर्डर (CVR) होता है. ये बॉक्स ऑरेंज रंग का इसलिए होता है क्योंकि हादसे के बाद इस रंग को खोजने में आसानी होती है.
फ्लाइट के लिए क्यों जरूरी?
ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) होता है. ये मशीन यात्रा के दौरान फ्लाइट के डेटा का रिकॉर्ड करता है. साथ में कॉकपिट में पायलट जो भी बोलते हैं, वो इस बॉक्स में रिकॉर्ड हो जाता है. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) में प्लेन की स्पीड, इंजन, लोकेशन जैसी तमाम तकनीकी चीजों को रिकॉर्ड कर सुरक्षित रखता है. इन सारी चीजों को देखकर हादसे की वजहों के बारे में पता चलता है.
क्यों नहीं हुआ नष्ट?
ब्लैक बॉक्स फ्लाइट का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है. इस बॉक्स को फ्लाइट के पिछले हिस्से में लगाया जाता है. माना जाता है कि हादसे के दौरान विमान के इस हिस्से को सबसे कम नुकसान होता है. अहमदाबाद प्लेन कुछ ही पल में जलकर राख हो गया लेकिन ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रखा. 1 हजार डिग्री सेल्सियस से ज्यादा टेंपरेचर होने के बाद भी ब्लैक बॉक्स सही सलामत मिल गया.
दरअसल, ब्लैक बॉक्स को बड़े से बड़े हादसे सहने के लिए डिजाइन किया गया. इस बॉक्स को बनाने में टाइटेनियम और स्टेनलेस स्टील जैसी मजबूती चीजों से बनाया गया है. इस वजह से ब्लैक बॉक्स काफी स्ट्रॉन्ग रहता है. ब्लैक बॉक्स 1100 डिग्री सेल्सियस तक के टेंपरेचर को सह सकता है. इसके अलावा आग से भी इसे कुछ नहीं होता है. ब्लैक बॉक्स वाटरप्रूफ होता है. ये बॉक्स 30 दिन तक 6 हजार मीटर की गहराई में भी काम करता है. इस वजह से फ्लाइट के लिए बेहद जरूरी माना जाता है.
AI-171 का ब्लैक बॉक्स
अहमदाबाद हादसे के एक दिन बाद घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स और वीडियो रिकॉर्डर मिले. इन दोनों मशीनों से अहमदाबाद हादसे पर से राज खुलने की संभावना है. डीवीआर ब्लैक बॉक्स से अलग है. इसमें पूरे फ्लाइट के कैमरे की रिकॉर्डिंग होगी, इसमें कॉकपिट और केबिन की भी सीसीटीवी फुटेज होगी. कमेटी की जांच के बाद इस हादसे के रहस्य से जल्द पर्दा उठने की उम्मीद है.