 Saurav develops CyberBandhu Website
 Saurav develops CyberBandhu Website   Saurav develops CyberBandhu Website
 Saurav develops CyberBandhu Website  महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. लाखों लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं और अब तक करोड़ों रुपये की हानि हो चुकी है. पुलिस के प्रयासों के बावजूद साइबर क्राइम पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पा रहा. लेकिन अब, बीड जिले के एक छात्र ने एक ऐसा डिजिटल समाधान विकसित किया है, जो आम नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है.
बीड जिले के अंबाजोगाई तहसील के रहने वाले सौरव बापूदेव कांबले ने ‘सायबर बंधू डॉट कॉम’(https://hindi.cyberbandhu.in/) नाम की एक वेबसाइट बनाई है. इस वेबसाइट के जरिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर जैसी संवेदनशील जानकारियों के दुरुपयोग की पहचान की जा सकेगी.
सौरव वर्तमान में एनआईटी जालंधर (पंजाब) में बी.टेक की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिला परिषद स्कूल, बरदापुर से प्राप्त की. सौरव ने बताया कि आज के डिजिटल युग में कई लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. आधार, पैन या मोबाइल नंबर का अनधिकृत उपयोग कर आर्थिक हानि और कानूनी समस्याएं बढ़ रही हैं.
वेबसाइट की खासियत
सौरव कांबले का कहना है, “मैंने यह वेबसाइट इसलिए बनाई है ताकि लोगों के आधार, पैन और मोबाइल नंबर के दुरुपयोग को रोका जा सके. मैं चाहता हूं कि महाराष्ट्र सरकार और सर्ट-इन (CERT-In) के साथ सहयोग हो, ताकि लोगों को भरोसा हो कि यह प्लेटफॉर्म सुरक्षित और विश्वसनीय है. अगर सरकार मेरे साथ जुड़ती है, तो लोग बिना हिचकिचाहट इसका इस्तेमाल कर पाएंगे.”
बढ़ते साइबर क्राइम के बीच बड़ी उम्मीद
महाराष्ट्र साइबर सेल की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आधार और पैन कार्ड का फर्जी उपयोग, मोबाइल नंबरों के जरिए फ्रॉड कॉल, और ऑनलाइन पेमेंट स्कैम अब आम हो चुके हैं. ऐसे में बीड के सौरव कांबले की यह पहल नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए बेहद अहम साबित हो सकती है.
‘सायबर बंधू डॉट कॉम’ जैसी पहलें न सिर्फ डेटा सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगी, बल्कि साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने में भी मदद करेंगी. अगर सरकार इस परियोजना के साथ जुड़ती है, तो यह पूरे देश के लिए साइबर सुरक्षा का मजबूत कवच बन सकती है.
(रोहिदास हातागले की रिपोर्ट)
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