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Blockchain Technology: बुआई से लेकर कटाई तक की मिलेगी जानकारी, बेंगलुरु के स्टार्टअप ग्रीनलेक ने शुरू किया नया प्रोजेक्ट, जानें क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

Greenlakes Farmland Project: खेत के बीज से लेकर कटाई तक की जानकारी देगी अब Blockchain Technology से मिल सकेगी. बेंगलुरु के स्टार्टअप ग्रीनलेक ने नया प्रोजेक्ट शुरू किया है.

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
हाइलाइट्स
  • बेंगलुरु के स्टार्टअप ग्रीनलेक ने शुरू किया नया प्रोजेक्ट

  • आपको इसमें बीज से लेकर कटाई तक के बारे में जानकारी मिल सकेगी

Greenlake Startup Project: टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ-साथ ज्यादातर चीजें हमारे फोन में आ गई हैं. अब इसी कड़ी में खेतों के लिए भी एक ब्लॉकचेन आधारित सिस्टम निकाल लिया है. बेंगलुरु स्थित एक प्रॉप-टेक स्टार्टअप ग्रीनलेक ने मंगलवार को अपना 'ग्रीनलेक्स फार्मलैंड्स' प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसके तहत कृषि भूमि या खेत के लिए ब्लॉकचेन सॉल्यूशन का उपयोग किया जाएगा. ऐसा करने वाली ग्रीनलेक पहली भारतीय कंपनी बन गई है.

क्या है ये प्रोजेक्ट?

दरअसल, ये एक बहीखाता जैसा होगा जिसमें रजिस्ट्रेशन के वक्त लोगों को अपने खेत के बारे में पारदर्शी और वेरिफाइड जानकारी मिल सकेगी. एक जमींदार के लिए, खेत में ब्लॉकचेन का मतलब है दशकों से खेत या जमीन के बारे में जो भी जानकारी है वो हमेशा सुरक्षित रहेगी साथ ही दूर से ही वे इन खेतों को ट्रैक कर सकेंगे. जिससे आप खेत में उगाई गई कृषि उपज का पता आसानी से लगा सकेंगे. फर्म के अनुसार, आपको इसमें बीज से लेकर कटाई तक के बारे में जानकारी मिल सकेगी.
 
लोग इससे शुरुआत में किया जाने वाले रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से लेकर अपने फार्महाउस के निर्माण और अपनी भूमि पर खेती की गतिविधियों तक इस तकनीक का लाभ उठा सकेंगे. इसके अलावा, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से खेत और फार्म हाउस की कीमत में भी वृद्धि होगी.

क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी?

पिछले कुछ साल में, आपने 'ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी' शब्द लगातार सुना होगा. शायद बिटकॉइन या जब  क्रिप्टोकरेंसी का नाम आता है तब? आसान शब्दों में समझें तो ब्लॉकचेन अलग-अलग जानकारी रिकॉर्ड करने का एक तरीका है. इसकी मदद से सिस्टम को बदलना, हैक करना या हेरफेर करना मुश्किल हो जाता है. और जानकारी सुरक्षित रहती है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक ऐसा स्ट्रक्चर है जो ट्रांजेक्शनल रिकॉर्ड को स्टोर रखता है. इस बहीखाता में सारा ट्रांजैक्शन मालिक के डिजिटल हस्ताक्षर से होता है. जिससे कोई भी इसके साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. यही वजह है कि डिजिटल बहीखाता में जो जानकारी होती है वह बहुत सुरक्षित होती है.

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? दरअसल, ब्लॉकचेन तीन प्रमुख टेक्नोलॉजीज का कॉम्बिनेशन है. जिसमें क्रिप्टोग्राफिक की, एक पीयर-टू-पीयर नेटवर्क जिसमें एक साझा बहीखाता है और कंप्यूटिंग का एक साधन जिसे नेटवर्क के लेनदेन और रिकॉर्ड को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

क्रिप्टोग्राफी Keys में दो key होती हैं - प्राइवेट और पब्लिक. ये चाबियां दो पक्षों के बीच लेनदेन करने में मदद करती हैं. हर व्यक्ति के पास ये दो Keys होती हैं, जिनका उपयोग वे एक सुरक्षित डिजिटल आइडेंटिटी बनाने के लिए करते हैं. यह सुरक्षित पहचान ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का सबसे जरूरी पहलू है. क्रिप्टोक्यूरेंसी की दुनिया में, इस पहचान को 'डिजिटल हस्ताक्षर' के रूप में जाना जाता है. इसके बाद डिजिटल सिग्नेचर को पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के साथ मर्ज कर दिया जाता है. ब्लॉकचेन यूजर पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर अलग-अलग प्रकार के डिजिटल इंटरेक्शन करने के लिए क्रिप्टोग्राफी Keys को नियोजित करते हैं.