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China Maglev Train: प्लेन से भी तेज चलने वाली ट्रेन! चीन ने किया नई ट्रेन का ट्रायल... 7 सेकंड में पकड़ी 620 Km/h की रफ्तार

China की Maglev Train का डिज़ाइन एयरोडायनामिक है, जो हवा के प्रतिरोध को कम करता है, और इसमें यात्रियों के लिए हाई लेवल फैसिलिटी दी जा रही है.

China's Maglev Train China's Maglev Train

चीन ने एक एड्वांस्ड मैग्लेव (Maglev) ट्रेन विकसित की है, जिसकी स्पीड की तुलना दूसरी ट्रेनों या गाड़ी से नहीं बल्कि विमान से की जा रही है. क्योंकि यह ट्रेन विमान की तुलना में तेज़ गति से यात्रा करने में सक्षम है. 

साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रेन 600 किलोमीटर प्रति घंटा (km/h) तक पहुंच सकती है, जो ज्यादातर कमर्शियल पैसेंजर एयरोप्लेन्स की क्रूज़िंग स्पीड से कहीं ज्यादा है. इस ट्रेन को China Railway Rolling Stock Corporation (CRRC) ने बनाया है. 

मैग्लेव ट्रेन की क्या हैं प्रमुख विशेषताएं

नहीं हैं इस ट्रेन में पहिए:

  • इस ट्रेन में पहिए नहीं होते हैं.यह चुंबकीय बल के कारण ट्रैक या पटरी से ऊपर उठती है और फिर स्पीड पकड़ती है. 
  • इससे जिससे घर्षण लगभग खत्म जाता है और हाई स्पीड़ पकड़ना संभव होता है. 
  • साथ ही, इससे शोर भी नहीं होता है. 

सुपरकंडक्टिंग तकनीक:

  • ट्रेन में हाई तापमान वाले सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट्स का इस्तेमाल किया गया है.
  • ये ऊर्जा की खपत को कम करते हैं और हाई स्पीड बनाए रखने में मदद करते हैं.

वैक्यूम टनल में ट्रायल:

  • इस ट्रेन का ट्रायल एक वैक्यूम टनल में हुआ. हवा के दबाब के बिना ट्रेन ने 623 किलोमीटर प्रति घंटा की गति प्राप्त की है . 

ऑटोमैटिक संचालन:

  • यह ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है, जिसमें ड्राइवर की जरूरत नहीं होती. 

डिज़ाइन और आराम:

  • ट्रेन का डिज़ाइन एयरोडायनामिक है, जो हवा के प्रतिरोध को कम करता है.
  • इसमें यात्रियों के लिए हाई लेवल फैसिलिटी दी जाती हैं. 

फैसिलिटीज:

  • इस ट्रेन में 5G कम्यूनिकेशन, AI वीडियो कैप्चर, अकाउस्टिक सेंसिंग और अलग-अलग सेंसर्स लगाए जाएंगे. 

शहरों के बीच दूरी होगी कम 
इस ट्रेन को चीन के प्रमुख शहरों के बीच इस्तेमाल में लाने की योजना है, जैसे बीजिंग और शंघाई के बीच ट्रेवल टाइम लगभग ,साढ़े पांच घंटे है जो इस ट्रेन से मात्र डेढ़-दो घंटा रह जाएगा. यह ट्रेन दुनिया की सबसे तेज़ ज़मीन पर चलने वाली ट्रेन है. 

2003 में शुरू हुई थी मैग्लेव लाइन

  • चीन की पहली मैग्लेव लाइन 2003 में जर्मनी द्वारा निर्मित एक लिंक के साथ शुरू हुई थी जो शंघाई पुडोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को शहर से जोड़ती थी. 
  • चीन ने 2016 में चांग्शा में अपनी पहली घरेलू निर्मित लाइन शुरू की, और बीजिंग ने 2017 में एक मैग्लेव लाइन शुरू की. 
  • ये दोनों लाइनें कम गति वाली मैग्लेव हैं, जिनकी मैक्सिमम स्पीड 120 किमी/घंटा तक सीमित है.

चीन का हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पिछले कुछ सालों में काफी फैला है. साल 2024 के अंत तक 48,000 किमी ट्रैक के साथ दुनिया का सबसे बड़ा हाई-स्पीड रेल नेटवर्क बन गया है. देश के रेलवे ऑपरेटर का लक्ष्य इस साल 50,000 किमी से अधिक ट्रैक बनाना है.