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EU Universal Charger: हर डिवाइस के लिए अलग चार्जर कैरी करने के झंझट से छुटकारा, यूरोप में आ रहा यूनिवर्सल चार्जर

यूरोपीय संघ का मानना है कि कई सारे चार्जर्स के एक्स्ट्रा स्टॉक के कारण बेकार का रॉ मैटेरियल, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ई-कचरे की समस्या होती थी, जिससे अब निजात मिलेगा.

यूरोप में आ रहा यूनिवर्सल चार्जर यूरोप में आ रहा यूनिवर्सल चार्जर
हाइलाइट्स
  • 15 तरह की डिवाइस के लिए एक ही चार्जर

  • पर्यावरण को भी नहीं पहुंचेगा नुकसान

हर डिवाइस के लिए अलग चार्जर से परेशान होने वाले लोगों के लिए यूरोपियन यूनियन ने अब समाधान खोज लिया है. दरअसल यूरोपियन यूनियन ने साल 2024 तक सभी फोन, टैबलेट और कैमरा में एक ही तरह का चार्जर इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं. उसके बाद साल 2028 तक सभी लैपटॉप में भी एक ही तरह का चार्जर इस्तेमाल होगा. ऐसे में सी-टाइप चार्जर को हर तरह की डिवाइस के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि अभी एप्पल इन नियमों का विरोध कर सकता है, क्योंकि उसने अपनी चार्जिंग पोर्ट तकनीक विकसित की है.

15 तरह की डिवाइस के लिए एक ही चार्जर
टेक मॉनिटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस खबर की घोषणा होने के बाद यूरोपीय संघ दूत एलेक्स एगियस सलीबा ने कहा कि ई-रीडर, ईयरबड्स, कीबोर्ड, कंप्यूटर माउस और सैट-नेव सहित 15 प्रकार के डिवाइस में यूनिवर्सल चार्जिंग पोर्ट का उपयोग किया जाएगा. सलीबा ने कहा, "आज हमने यूरोप में आम चार्जर को एक वास्तविकता बना दिया है. यूरोपीय यूजर्स लंबे समय से हर नए डिवाइस के साथ नए-नए चार्जर कैरी करके परेशान हो चुके थे, अब वो अपने सभी पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए सिंगल चार्जर का उपयोग कर सकेंगे." उन्होंने आगे कहा कि, "हम वायरलेस चार्जिंग पर भी काम कर रहे हैं, जो चार्जिंग तकनीक में अगला विकास है."

यूरोपीय संघ क्यों चाहता है यूनिवर्सल चार्जर?
यूरोपीय संघ का मानना ​​है कि इस पहल से यूरोपीय बाजार में काफी बदलाव आएगा. फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करने वाले डिवाइसेज के लिए चार्जिंग स्पीड में तालमेल बिठाया जाएगा, जिससे यूजर्स अपने डिवाइस को किसी भी चार्जर से उसी स्पीड से चार्ज कर सकेंगे. यूरोपीय संघ का मानना है कि यूजर्स को अगर हर डिवाइस के लिए एक ही चार्जर दिया जाएगा तो उनकी जिंदगी आसान हो जाएगी. ट्रैवल करते समय भी उन्हें कई सारे चार्जर साथ नहीं लेने पडेंगे. इसको ऐसे समझ लीजिए कि, अगर उनके पास तीन अलग-अलग चार्जर वाला एक मोबाइल फोन, एक टैबलेट और एक लैपटॉप था, तो अब उनके पास इन सभी उपकरणों के लिए केवल एक चार्जर होगा."

पर्यावरण को भी नहीं पहुंचेगा नुकसान
यूरोपीय संघ का मानना है कि कई सारे चार्जर्स के एक्स्ट्रा स्टॉक के कारण बेकार का रॉ मैटेरियल, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ई-कचरे की समस्या होती थी, जिससे अब निजात मिलेगा. इस अलावा इन दिनों फास्ट चार्जिंग प्लग का भी काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में एनर्जी भी जाती है. अब आंकड़ों की बात करें तो यूनिवर्सल चार्जर के नए प्रावधान से उपभोक्ताओं को अनावश्यक चार्जर खरीद पर प्रति वर्ष 250 मिलियन यूरो तक बचाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा डिस्पोजेड और ना इस्तेमाल होने वाले चार्जर्स के सालाना लगभग 11,000 टन ई-कचरा होता है, जिससे भी निजात मिलेगा.

2 साल बाद लागू होगा कानून
यूरोपीय संघ अभी 2 साल बाद ये कानून जारी करेगा. कानून जारी होने के 20 दिन बाद इसे मानना जरूरी होगा. हालांकि आवेदन की तारीख से पहले बाजार में रखे गए उत्पादों पर नियम लागू नहीं होंगे. यूरोपीय संघ के इस फैसले से अब यूजर्स की जेब को भी कम नुकसान होगा.