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Godfather of AI: AI के खतरों के बारे में आगाह करते हुए Geoffrey Hinton ने गूगल को कहा अलविदा, जानें इस नई टेक्नोलॉजी का गॉडफादर के बारे में 

AI Godfather Geoffrey Hinton: AI के गॉडफादर कहलाने वाले Geoffrey Hinton ने गूगल को अलविदा कह दिया है. उन्होंने AI के बारे में चिंता जाहिर करते हुए गूगल को अलविदा कहा है.

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हाइलाइट्स
  • AI के खतरों के बारे में किया आगाह

  • जेफ्री ने छोड़ा गूगल 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आ जाने से कई लोगों का काम आसान हो गया है. हालांकि, कई ऐसे है जो इसको लेकर चिंता में हैं. उन्हीं में से एक हैं जेफ्री हिंटन. एआई पायनियर और पूर्व Google एम्प्लॉई या जिन्हें 'एआई के गॉडफादर' के रूप में जाना जाता है, ने लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों के बारे में चेतावनी देते हुए टेक कंपनी छोड़ दी है. जिसके बाद से ही पूरी दुनिया में एआई के खतरों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. 

जेफ्री ने छोड़ा गूगल 

75 साल के जेफ्री हिंटन को टोरंटो यूनिवर्सिटी में डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क में अपने काम के लिए जाना जाता है. जेफ्री ने अब कंपनियों के बीच एआई दौड़ के जोखिमों और कड़े नियमन की कमी के बारे में जनता को आगाह करने के लिए Google को छोड़ दिया है. जेफ्री ने कंपनी छोड़ते हुए कहा कि वे एआई-जनरेटेड मीडिया के बारे में सबसे ज्यादा चिंतित हैं. इसका कारण है कि इस कंटेंट के आ जाने से इंटरनेट यूजर को आसानी से बेवकूफ बन सकता है. क्योंकि और असली और नकली की पहचान नहीं कर सकेगा.

इसके अलावा जेफ्री को इस बात की भी चिंता है कि एआई टेक्नोलॉजी के आ जाने से जॉब मार्किट पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. आगे डॉ जेफ्री कहते हैं कि एआई टेक्नोलॉजी को संभालने की जिम्मेदारी गूगल की थी लेकिन गूगल ने भी अब पहले ही अपना एआई कंटेंट रिलीज कर दिया. 

कौन हैं जेफ्री हिंटन?

दरअसल, जेफ्री हिंटन को एआई का गॉडफादर कहा जाता है. उन्होंने 1970 में कैम्ब्रिज से एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में बीए और 1978 में एडिनबर्ग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पीएचडी की है. उन्होंने ससेक्स यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सैन डिएगो में पोस्टडॉक्टोरल काम किया और उसके बाद कार्नेगी-मेलन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में फैकल्टी मेंबर की तरह पांच साल काम किया. इसके बाद वे कैनेडियन इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड रिसर्च के फेलो बन गए और टोरंटो यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में चले गए.

हालांकि, ये लिस्ट अभी ही खत्म नहीं होती है. जेफ्री ने इसके बाद 1998 से 2001 तक यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में गैट्सबी कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस यूनिट की स्थापना में तीन साल बिताए और फिर टोरंटो यूनिवर्सिटी लौट आए जहां अब वे एक प्रोफेसर हैं. 2013 से वह माउंटेन व्यू और टोरंटो में Google के लिए काम कर रहे हैं.

इतना ही नहीं एआई के गॉडफादर के पुरस्कारों की लिस्ट भी छोटी नहीं है. उन्हें पहले 2001 में डेविड ई. रुमेलहार्ट पुरस्कार, फिर 2005 में IJCAI प्राइज, इंजीनियरिंग के लिए 2012 में किल्म प्राइज, 2016 में IEEE जेम्स क्लर्क मैक्सवेल गोल्ड मेडल और NSERC हर्जबर्ग गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. ये विज्ञान और इंजीनियरिंग में कनाडा का शीर्ष पुरस्कार है.