
मानसून का मौसम आते ही बारिश की फुहारें राहत तो देती हैं, लेकिन स्मार्टफोन के लिए खतरा बन सकती हैं. अचानक बारिश में फोन भीग जाने से कई लोग परेशान हो जाते हैं, क्योंकि पानी फोन के अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं! सही समय पर सही कदम उठाकर आप अपने फोन को खराब होने से बचा सकते हैं.
बारिश में फोन भीगने से शॉर्ट सर्किट, स्पीकर खराब होना, स्क्रीन डैमेज, या बैटरी फेल्यर जैसी समस्याएँ हो सकती हैं. फोन में पानी घुसने से मदरबोर्ड को नुकसान पहुंच सकता है, जो फोन को पूरी तरह बेकार कर सकता है. आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन नॉन-रिमूवेबल बैटरी के साथ आते हैं, जिससे पानी के नुकसान को ठीक करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. लेकिन कुछ स्मार्ट उपाय अपनाकर आप अपने फोन को घर पर ही ठीक कर सकते हैं.
फोन भीग जाए तो तुरंत क्या करें?
1. फोन को तुरंत बंद करें: अगर फोन ऑन है, तो इसे तुरंत स्विच ऑफ करें. भीगे फोन को ऑन करने से शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ता है, जिससे मदरबोर्ड खराब हो सकता है. बटन दबाकर यह चेक करने की गलती न करें कि फोन काम कर रहा है या नहीं.
2. एक्सेसरीज हटाएं: सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, फोन कवर, और अगर संभव हो तो बैटरी निकाल लें. इन हिस्सों को सूखे कपड़े से पोंछकर अलग रखें.
3. पानी हटाएं: फोन की सतह को सूखे सूती कपड़े या टिश्यू पेपर से अच्छी तरह पोंछ लें. हेडफोन जैक और यूएसबी पोर्ट में पानी न रहने दें.
4. नमी सोखें: फोन को सिलिका जेल या सूखे चावल के डब्बे में 24-48 घंटे के लिए रखें. चावल और सिलिका जेल नमी सोखने में बहुत प्रभावी हैं. ध्यान रखें कि चावल के दाने हेडफोन जैक में न फंसे.
5. स्पीकर ठीक करें: अगर स्पीकर में पानी चला गया है, तो Fix My Speakers वेबसाइट पर जाएं. यह साउंड वेव्स के जरिए पानी निकालने में मदद करती है.
क्या न करें?
- हेयर ड्रायर का इस्तेमाल न करें: हेयर ड्रायर की गर्म हवा फोन के सर्किट को पिघला सकती है.
-चार्जिंग पर न लगाएं: भीगे फोन को चार्ज करने से बैटरी डैमेज हो सकती है. इससे ब्लास्ट का खतरा भी हो सकता है.
- फोन को झटकें नहीं: फोन को झटकने से पानी और गहराई में जा सकता है.
- तुरंत ऑन न करें: फोन पूरी तरह सूखने से पहले ऑन करने से नुकसान बढ़ सकता है.
अगर 24-48 घंटे बाद भी फोन ऑन नहीं होता या स्पीकर, स्क्रीन, या बटन काम नहीं करते, तो तुरंत सर्विस सेंटर जाएं. प्रोफेशनल चेकअप से बैटरी या मदरबोर्ड की गंभीर क्षति का पता लगाया जा सकता है.