
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में देश की सबसे आधुनिक ड्रोन लैब "तरकश" की स्थापना की गई है. यह लैब दुश्मन ड्रोन की तकनीक समझने, नई ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित करने और भारत को सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है.
दुश्मन ड्रोन की 'कुंडली' तैयार करेगी 'तरकश'
'तरकश' ड्रोन लैब का मुख्य उद्देश्य दुश्मन देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन की तकनीक का विश्लेषण करना है.
ड्रोन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
इस लैब में केवल दुश्मन ड्रोन का विश्लेषण ही नहीं होगा, बल्कि नई ड्रोन तकनीक विकसित करने पर भी काम किया जाएगा.
युद्ध में ड्रोन की बढ़ती भूमिका
हाल के वर्षों में ड्रोन का उपयोग युद्ध के मैदान में तेजी से बढ़ा है. रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-ईरान संघर्ष, और विभिन्न आतंक विरोधी अभियानों में ड्रोन की अहम भूमिका सामने आई है. अब ड्रोन न केवल सर्विलांस के लिए, बल्कि हमले और रक्षा रणनीतियों में भी निर्णायक बन गए हैं. 'तरकश' लैब भारत को इन्हीं चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगी.
भविष्य की सुरक्षा रणनीति तैयार होगी
'तरकश' में ड्रोन से जुड़ी एआई तकनीक पर विशेष शोध किया जाएगा. यहां ड्रोन डिजाइनिंग, डेटा एनालिसिस, साइबर सिक्योरिटी और काउंटर-ड्रोन सिस्टम जैसे विषयों पर पढ़ाई और रिसर्च होगी. यह लैब भारतीय सुरक्षा बलों को भविष्य के खतरों के लिए पहले से तैयार करने में मदद करेगी.
लखनऊ में स्थापित 'तरकश' लैब केवल ड्रोन तकनीक का केंद्र नहीं, बल्कि यह भारत के सुरक्षा बलों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यहां से दुनिया के कुछ बेहतरीन इनोवेशन निकलने की उम्मीद है.
(संतोष शर्मा की रिपोर्ट)
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