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डेटा सिक्योरिटी को लेकर भारत हो रहा है मजबूत, Cyber Breach वाली लिस्ट में तीसरे स्थान से 7वें पर खिसका 

डेटा सिक्योरिटी को लेकर भारत मजबूत हो रहा है. Cyber Breach वाली लिस्ट में भारत तीसरे स्थान से 7वें पर खिसक गया है. पिछले साल आई डेटा ब्रीच वाली खबर के बाद लगातार साइबर सिक्टोरिटी को लेकर काम हो रहा है. इंटरनेट को एक सेफ जगह बनाया जा रहा है.

Data Breach Data Breach
हाइलाइट्स
  • भारत में मजबूत हुई है साइबर सिक्योरिटी 

  • यूरोप की सबसे खराब स्थिति 

दुनिया भर के देश साइबर सिक्योरिटी और डेटा सेफ्टी को लेकर काम कर रहे हैं. हालांकि, आए दिन हमारे सामनेडेटा चोरी होने की खबरें आती रहती है. साल 2022 में भारत के 47 लाख ईमेल अकाउंट के डेटा चोरी (Data Breach) होने की खबर सामने आई थी. स्वीडिश वीपीएन सेवा कंपनी सुरफशार्क की रिपोर्ट से इसकी जानकारी मिली थी. लेकिन, इसके बाद भारत ने अपनी साइबर सिक्योरिटी और डेटा सेफ्टी को लेकर कड़े नियम उठाए. भारत अब दुनिया में सबसे अधिक साइबर-ब्रीच्ड वाले देशों की लिस्ट में तीसरे स्थान से सातवें स्थान पर चला गया है. 

Surfshark ने तैयार की रिपोर्ट

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, Surfshark ने कई सारे साइबरसिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें उन्होंने ऑनलाइन दिखाई देने वाले 27,000 से ज्यादा डेटा ब्रीच वाली इनफार्मेशन का इस्तेमाल किया है. शोधकर्ताओं ने इसके लिए यूजर्स के स्थानों को उनके ईमेल या वेबसाइट डोमेन नाम, देश, शहर, कॉर्डिनेट्स, आईपी अड्रेस और अन्य डेटा का उपयोग किया है.

भारत में मजबूत हुई है डेटा सिक्योरिटी 

लीड रिसर्चर एग्नेस्का सबलोवस्काजा के अनुसार, 2022 में अकाउंट ब्रीच में 68 प्रतिशत की गिरवाट देखी गई है. साइबर सिक्योरिटी की बात करें तो अमेरिका, भारत और ब्राजील जैसे देशों में 2021 की तुलना में काफी सुधार हुआ है. इस बीच, इंडोनेशिया, चीन और रूस पिछले साल की तुलना में डेटा ब्रीच के मामले ज्यादा सामने आए हैं. 

लिस्ट में भारत कौन से स्थान पर?

भारत में साइबर ब्रीच में भारी गिरावट आई है, हालांकि, अभी भी हम टॉप 10 में हैं. भारत में 2022 में 47 लाख ईमेल अकाउंट ब्रीच हुए थे, ये पिछले साल की तुलना में 94 प्रतिशत की कमी दर्शाता है. पहले भारत तासरे स्थान पर था लेकिन अब ये खिसककर 7वें पर आ गया है. देश में साइबर सिक्योरिटी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर लोग और सरकार और भी ज्यादा सजग हो गई है. 

यूरोप की सबसे खराब स्थिति 

रिपोर्ट के मुताबिक डेटा ब्रीच को लेकर सबसे खराब स्थिति यूरोप की है. 2022 में हुए लगभग 15 करोड़ 33 लाख 2022 के दौरान दर्ज किए गए मामलों में आधे यूरोप के ईमेल अकाउंट थे. वहीं, रूस भी इस लिस्ट में पीछे नहीं है. रूस में पिछले साल की तुलना में साइबर ब्रीच से जुड़े मामलों में 191 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. 

इस बीच, एशिया में डेटा ब्रीच के 74 करोड़ 20 मामले सामने आए हैं. इनमें से ज्यादातर केस चीन, इंडोनेशिया और भारत के हैं. रूस के अलावा, अकाउंट ब्रीच में सबसे तेज वृद्धि इंडोनेशिया (269 प्रतिशत) में हुई, इसके बाद श्रीलंका (204 प्रतिशत), उज्बेकिस्तान (73 प्रतिशत) और चीन (45 प्रतिशत) का स्थान रहा.