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AI Tractor: ड्राइवरलैस ट्रैक्टर से खेती कर रहा है यह युवा किसान... समय और लागत, दोनों की बचत

अमेरिका से लौटे युवा किसान बीर विर्क अपने परिवार के साथ खेती-बाड़ी करके दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.

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करनाल के जमालपुर गांव का युवा किसान बीर विर्क खेती में अनोखे एक्सपेरिमेंट करके दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. बीर ने AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी से तैयार तीन हाईटेक ट्रैक्टर खरीदे, जिन्हें बिना ड्राइवर के चलाया जा सकता है. अमेरिका से लौटे युवा किसान बीर अपने परिवार के साथ खेती-बाड़ी करके दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं. 

दो साल पहले जब बीर ने स्वीडन से लगभग 4 लाख रुपये प्रति ट्रैक्टर की लागत से यह सिस्टम खरीदा था, तब कई लोग इस पर संदेह कर रहे थे. लेकिन आज उनका यह साहसी कदम सफल हो रहा है. उन्होंने अपने ट्रैक्टरों में यह सिस्टम लगाया है, जिससे अब ड्राइवर की जरूरत नहीं रहती. 

समय और लागत, दोनों की बचत
बीर का दावा है कि उनके ऑटो-स्टियरिंग ट्रैक्टर और न्यूमैटिक प्लांटर बीजों को सटीक दूरी और चौड़ाई पर बोते हैं, जिससे अधिक पैदावार मिलती है. इससे समय की बचत होती है और मजदूरी पर आने वाला खर्च भी काफी कम हो जाता है. उनका कहना है कि इन ट्रैक्टरों ने ईंधन और मजदूरी दोनों की बचत करके कुल खेती की लागत में 25 प्रतिशत की कमी की है.

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कमांड सिस्टम से चलाते हैं ट्रैक्टर
यह ट्रैक्टर एक कमांड सिस्टम के जरिए संचालित होता है, जो स्टीयरिंग कंट्रोल मोटर के साथ लगे एक iPad से जुड़ा होता है. यह ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) सिग्नलों की मदद से काम करता है, जो बीर के अनुसार, 0.01 सेमी तक की सटीकता बनाए रखते हैं. किसी भी काम को शुरू करने से पहले, चाहे वह जुताई हो, बुआई हो या कटाई, संबंधित कमांड दर्ज किए जाते हैं और ट्रैक्टर उन्हें पूरी सटीकता से पालन करता है. 

उन्होंने एक हुड-माउंटेड स्प्रे पंप भी लगाया है जो कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और कीटाणुनाशकों के छिड़काव के लिए उपयोग किया जाता है. यह पंप लगभग 70 फीट क्षेत्र को कवर करता है, जिससे समय की बचत होती है और रसायनों की बर्बादी भी कम होती है. बीर ने बताया उनके पास 15 के करीब ट्रैक्टर है. 200 एकड़ में वह अपने गांव में खेती करते हैं और 150 एकड़ फार्म उनके पास उत्तरांचल में है.  

दूसरी जगहों से लोग आ रहे देखने 
उनके ट्रैक्टर अब क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. राज्य के कोने-कोने से, और यहां तक कि आस-पास के राज्यों से भी किसान बीर के खेत पर इस तकनीक को देखने आते हैं. वे देखकर हैरान रह जाते हैं कि यह कैसे काम करता है. कई लोगों के लिए यह पहली बार होता है जब वे ऐसी मशीन देख रहे होते हैं.

(इनपुट्स: कमलदीप)