
भारत में WhatsApp पर साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, कम से कम 42% भारतीय WhatsApp यूजर्स को फर्जी वर्क-फ्रॉम-होम या पार्ट-टाइम नौकरी के ऑफर मिले हैं, जिनमें अक्सर एडवांस में पैसे मांगे जाते हैं. सर्वे में 35% यूजर्स ने बताया कि उन्हें अपने किसी जानने वाले के नाम से मैसेज आया, जिसमें पैसे, मोबाइल रिचार्ज या गिफ्ट कार्ड भेजने की मांग की गई. वहीं, 12% लोगों ने कहा कि किसी ने उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल कर उनके कॉन्टैक्ट्स से पैसे मांगे.
पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने भी हाल ही में बताया कि कोई शख्स वॉट्सएप पर उनके नाम से उन्हें ही मैसेज भेज रहा था. उन्होंने इस पर मजाकिया प्रतिक्रिया दी, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर पाता. खासकर बुज़ुर्ग लोग ऐसे फर्जीवाड़ों का शिकार आसानी से बन जाते हैं.
क्या कहता है सर्वे?
देशभर के 312 जिलों से 22,000 लोगों से मिले जवाबों में यह सामने आया कि करीब आधे लोग किसी न किसी प्रकार के WhatsApp फ्रॉड का शिकार हुए हैं. ठगों के सबसे आम हथकंडे ये रहे:
फेक प्रोफाइल से खतरा और बढ़ा
12% लोगों का कहना है कि उनका नाम और फोटो इस्तेमाल कर किसी ने उनके जानने वालों से पैसे मांगे. और 35% यूजर्स ने बताया कि उनके किसी जानने वाले की पहचान चुराकर फ्रॉड किया गया. ठग अक्सर WhatsApp पर पब्लिक प्रोफाइल फोटो और नाम उठाकर नकली अकाउंट बनाते हैं और फिर कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों से "इमरजेंसी" में पैसे, रिचार्ज या गिफ्ट कार्ड मांगते हैं.
सामने आए कई मामले
मुंबई में 63 साल के एक बुजुर्ग से WhatsApp पर शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ₹7.31 करोड़ की ठगी हुई. कोलकाता के एक डेंटिस्ट को एक नकली "आर्मी अफसर" ने धोखा दिया, इलाज के नाम पर भेजे गए लिंक से बैंक अकाउंट से पैसे कट गए.
सरहद पार से हो रही है ठगी
गृह मंत्रालय का कहना है कि ये ठगी के मामले कई बार विदेशी सिंडिकेट्स द्वारा संचालित होते हैं, जो अब WhatsApp जैसे भरोसेमंद दिखने वाले प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने लगे हैं.
क्या किया जाना चाहिए?
लोकलसर्किल्स ने सरकार से मांग की है कि इन स्कैम्स पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं: