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मिलाप सेतु ऐप हुआ लॉन्च, बिछड़े बुजुर्गों को परिवारों से मिलाएगा AI

जोशना यहां पर पिछले 28 सालों से अमित शेल्टर अनाथ आश्रम चला रही हैं. उन्होंने बताया कि इस समय उनके आश्रम में 126 लोग रह रहे हैं.

AI & Face Recognition to Reunite Elderly from Old Age Homes with Families AI & Face Recognition to Reunite Elderly from Old Age Homes with Families

मुंबई के ठाणे जिले में मिलाप सेतु नामक ऐप लॉन्च किया गया है. इस ऐप का उद्देश्य अनाथ आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को उनके परिवार से मिलाना है. यह ऐप विशेष रूप से उन बुजुर्गों के लिए है जिनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. जोशना यहां पर पिछले 28 सालों से अमित शेल्टर अनाथ आश्रम चला रही हैं. उन्होंने बताया कि इस समय उनके आश्रम में 126 लोग रह रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे पास कई लोग हैं जो ब्रिज के नीचे, रेलवे स्टेशन पर या बड़े अस्पतालों में मिले हैं.'

ऐप की प्रक्रिया
मिलाप सेतु ऐप की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए जोशना ने कहा, 'हमारे सिस्टम में एआई मॉडल को फेस रिकग्निशन पर ट्रेन किया गया है. जब कोई मिसिंग व्यक्ति हमारे आश्रम में आता है, तो हम उसका डेटा फीड करते हैं. अगर उसकी फैमिली उसे ढूंढना चाहती है, तो वे इस वेबसाइट पर आकर उसका फोटो अपलोड कर सकते हैं. फेस मैच के जरिए उसकी फैमिली उसे वापस पा सकती है. 

जोशना ने बताया कि कई बुजुर्ग महिलाएं अनपढ़ होने के कारण ट्रेन में बैठकर कहीं चली जाती हैं और वापस आने का रास्ता नहीं पता चलता. उन्होंने कहा, 'बहुत सारी ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से इनको घर का पता याद नहीं रहता है. ऐसे लोगों को ढूंढने में यह ऐप बहुत मदद कर सकता है.'

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टेक्नोलॉजी का महत्व
मिलाप सेतु ऐप के महत्व पर जोर देते हुए जोशना ने कहा, 'पहले हमें पुलिस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और सोशल मीडिया पर जाकर इन लोगों को ढूंढना पड़ता था. अब टेक्नोलॉजी के जरिए यह काम बहुत आसान हो गया है.'

मिलाप सेतु ऐप के लॉन्च के साथ ही समाज के लिए एक नई उम्मीद जगी है. यह ऐप न केवल बुजुर्गों को उनके परिवार से मिलाने में मदद करेगा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी लाएगा. 

(धर्मेन्द्र दुबे की रिपोर्ट)