

मुंबई में इस हफ्ते की शुरुआत में हुई भारी बारिश से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया. हालांकि, इस बार बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) पहले से तैयार थी. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अलर्ट्स के साथ-साथ आईआईटी बॉम्बे (IIT-B) से मिली लोकल वेदर अपडेट्स (स्थानीय मौसम भविष्यवाणी) ने BMC को जलभराव से निपटने में बड़ी मदद दी.
IIT बॉम्बे और IMD की संयुक्त पहल
IIT बॉम्बे और IMD ने मिलकर एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम किया है, जिसके तहत लोकल लेवल पर बारिश और जलभराव की अपडेट दी जाती है. इससे यह पता लगाया जा सकता है कि किस इलाके में कितनी बारिश होगी और कहां जलभराव की संभावना है.
BMC को पहले ही मिली चेतावनी
जब पश्चिमी विक्षोभ और आंध्र प्रदेश के तट से उठे डिप्रेशन के चलते 18 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान था, तब मुंबई के मौसम विभाग ने सुबह 3:30 बजे अपनी वेदर अपडेट दी. हालांकि, BMC को इससे एक दिन पहले यानी 17 अगस्त को IIT बॉम्बे से अलर्ट मिल चुका था.
BMC के अतिरिक्त आयुक्त (प्रोजेक्ट्स) अभिजीत बांगड़ ने हंदुस्तान टाइम्स को बताया, “IIT बॉम्बे ने 17 अगस्त को एक लोकलाइज्ड फोरकास्ट भेजी थी, जिसमें उन इलाकों को चिन्हित किया गया था जहां 200 मिमी से ज्यादा बारिश होने की संभावना थी.”
जलभराव से निपटने में मददगार रहा डेटा
अब जलवायु परिवर्तन की वजह से मानसून पैटर्न में बदलाव आया है और 120 दिनों में से कम से कम 3-4 दिन ऐसे होते हैं जब शहर में अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की जाती है. ऐसी स्थिति में लोकलाइज्ड फोरकास्ट बहुत मददगार है, क्योंकि इससे हमें यह पता चलता है कि किस इलाके में कितनी बारिश होगी, जबकि सामान्य भविष्यवाणी में सिर्फ ‘भारी बारिश’ कहा जाता है. IIT बॉम्बे के मॉडल ने हर एक इलाके में संभावित जलभराव की मात्रा का भी डेटा उपलब्ध कराया, जिससे BMC को समय रहते पंपिंग स्टेशनों की तैनाती करने में मदद मिली.
BMC की तैयारी और तैनाती
मुंबई के 24 वार्डों में अतिरिक्त डिवॉटरिंग पंप्स लगाए गए हैं. IIT-B के अलर्ट्स के आधार पर सभी वार्डों को यह जानकारी भेजी गई, जिससे वे जरूरत के अनुसार पंपिंग स्टेशनों और स्टाफ की तैनाती कर सकें.
AI और मशीन लर्निंग पर आधारित मॉडल
यह मॉडल IIT-B की पीएचडी छात्रा पूजा त्रिपाठी ने विकसित किया है और फिलहाल यह पोर्टल आम जनता के लिए भी लाइव है. आने वाले समय में लोग घर से निकलने से पहले मौसम और जलभराव की जानकारी ले सकेंगे.
तीन दिन में 890 मिमी बारिश
पिछले तीन दिनों में शहर ने औसत 566 मिमी के मुकाबले 890 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की. कई इलाकों में तो 300 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जिससे गंभीर जलभराव की स्थिति बनी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी प्रभावित हुआ.
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