
अहमदाबाद से शुरू हुई 'माय बाइक' ने साइक्लिंग को कनेक्टिविटी और प्रदूषण का समाधान बनाने की दिशा में एक नई पहल की है. अर्जित सोनी द्वारा 2014 में शुरू की गई यह साइक्लिंग शेयरिंग सेवा अब 11 साल बाद 7 शहरों में 10,000 साइकिल्स का नेटवर्क बना चुकी है.
साइक्लिंग से कनेक्टिविटी का नया अध्याय
अर्जित सोनी ने 2014 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री से मिलकर 'माय बाइक' की शुरुआत अहमदाबाद से की. इस सेवा का उद्देश्य शहरों में बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या का समाधान करना था. अहमदाबाद के बीआरटीएस बस स्टॉप और अन्य इलाकों में साइकिल स्टैंड बनाए गए हैं, जहां लोग आसानी से साइकिल किराए पर ले सकते हैं.
अर्जित सोनी ने कहा कि हमने साइक्लिंग को सिर्फ फिटनेस का जरिया नहीं, बल्कि शहरों की कनेक्टिविटी का समाधान बनाया है. इस सेवा का उपयोग कॉलेज के छात्रों, ऑफिस जाने वालों और शॉपिंग करने वालों द्वारा किया जा रहा है. ₹500 के मासिक सब्सक्रिप्शन पर लोग ऐप के माध्यम से साइकिल को अनलॉक कर सकते हैं और अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं.
इलेक्ट्रिक साइकिल: तकनीक और स्वास्थ्य का मेल
'माय बाइक' ने हाल ही में इलेक्ट्रिक साइकिल लॉन्च की है, जो डिलीवरी सेक्टर और शहरी परिवहन में क्रांति ला रही है. यह ई-बाइक ₹150 प्रतिदिन के किराए पर उपलब्ध है और एक चार्ज में 135 किलोमीटर तक चल सकती है.
अर्जित सोनी ने बताया कि हमने इलेक्ट्रिक साइकिल को इस तरह डिजाइन किया है कि इसे पैडल और थ्रॉटल दोनों से चलाया जा सकता है. यह न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल का कन्वीनियंस भी प्रदान करती है. बेंगलुरु में लॉन्च हुई यह सेवा डिलीवरी सेक्टर में नई गति ला रही है.
साइक्लिंग का बढ़ता प्रभाव
'माय बाइक' ने न केवल शहरी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया है, बल्कि स्वास्थ्य और फिटनेस को भी बढ़ावा दिया है. अहमदाबाद के रिवर फ्रंट पर लोग एक्सरसाइज के लिए इस साइकिल का उपयोग करते हुए देखे जा सकते हैं.
11 साल के सफर में 'माय बाइक' ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन आज यह सेवा 7 शहरों में अपनी पहचान बना चुकी है. अर्जित सोनी का अगला कदम इलेक्ट्रिक साइकिल सेवा को और अधिक शहरों में विस्तार देना है.