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Smart Anti-Airfield Weapon: 120 किमी वजन, 100 किमी की रेंज... एयरफोर्स को जल्द मिलेगा ये घातक हथियार

भारतीय वायुसेना जल्द ही स्वदेशी स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (SAAW) से लैस होगी, जो दुश्मन के एयरबेस को बिना सीमा में घुसे तबाह कर सकता है. बताया जा रहा है कि यह नया हथियार एक प्रकार का ग्लाइड बम है, जो उपग्रह से संचालित होता है. यह सटीकता के साथ 100 किमी दूर तक टारगेट को निशाना बना सकता है.

Smart Anti-Airfield Weapon (Photo/bdl india) Smart Anti-Airfield Weapon (Photo/bdl india)

इंडियन एयरफोर्स खुद को ज्यादा शक्तिशाली और हाईटेक बनाने की योजना पर लगातार काम कर रही है. भारतीय वायुसेना जल्द ही स्वदेशी स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (SAAW) से लैस होगी, जो दुश्मन के एयरबेस को बिना सीमा में घुसे तबाह कर सकता है. यह हथियार 100 किलोमीटर रेंज वाला है और इसका वजन 120 किलोग्राम है.

एयरफोर्स को मिलेगा नया हथियार-
भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही एक और घातक हथियार शामिल होने वाला है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के विकसित स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (SAAW) एक स्वदेशी ग्लाइड बम है, जिसे वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा. यह बम दुश्मन के एयरबेस को तबाह करने में सक्षम है और इसे सैटेलाइट से संचालित किया जा सकता है.

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था. इस ऑपरेशन की सफलता के बाद वायुसेना का फोकस अब लंबी दूरी के स्टैंड ऑफ हथियार सिस्टम पर है, जिसमें विशेष प्रकार की मिसाइलें और बम शामिल हैं.

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SAAW की विशेषताएं-
स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) बम का वजन 120 किलोग्राम है और इसकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर तक है. यह एक स्टैंड ऑफ हथियार है. जिसका मतलब है कि इसे दूर से लॉन्च किया जा सकता है. यह बम दुश्मन के एयरबेस, रडार और बंकर को निशाना बनाकर आसानी से नष्ट कर सकता है.

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम-
SAAW पूरी तरह से स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस हथियार को वायुसेना में शामिल करने पर विचार करेगा. जिसके बाद लड़ाकू विमानों को इस स्मार्ट हथियार से लैस किया जाएगा. इससे भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और भी घातक हो जाएगी.

मौजूदा दौर में युद्ध के तौर-तरीकों में भारी बदलाव आया है. अब दुश्मन की सीमा में घुसे बिना ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमानों से तबाही मचाने का नया तरीका ईजाद हुआ है. ऐसे में भारतीय सेना भी खुद को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में जुटी है.

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