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Solar powered device Parabraksh: यह स्टार्टअप किसानों के लिए बना रहा है सोलर-पावर्ड टूल, बिना नुकसान पहुंचाए जानवरों को खेतों से रखता है दूर

Solar powered device Parabraksh: किसानों की मदद के लिए बंगलुरु के इस इंजीनियर ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो जानवरों को दूर से ही भगा सकता है.

Solar powered device Parabraksh Solar powered device Parabraksh
हाइलाइट्स
  • स्टार्टअप ने बनाया परब्रक्ष नामक सोलर पावर्ड डिवाइस

  • मानव-जानवर विवाद को करना है कम 

महाराष्ट्र में लातूर से ताल्लुक रखने वाली चालीस वर्षीय मालन राउत पिछले कई सालों से जैविक खेती कर रही हैं और अपने पैतृक गांव नागरसोगा में 3.5 एकड़ जमीन पर अनाज, दालें और सब्जियां उगाती हैं. उन्हें जैविक खेती से अच्छा मुनाफा हो रहा है लेकिन तीन साल पहले तक उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा था और इसका कारण कम पैदावार नहीं बल्कि जंगली जीव थे. 

CEEW और Villgro की पहल Powering Livelihoods के एक प्रोग्राम के दौरान मालन ने GNT Digital से बात करते हुए बताया कि तीन साल पहले तक उनकी फसल को जंगली जानवर खराब कर देते थे. कई बार तो उन्हें दो-दो बार बीज डालना पड़ा जिस कारण उनका खर्च बढ़ा और मुनाफा कम होने लगा. इस समस्या का हल उन्हें मिला एक सोलर पावर्ड टूल में जिसका नाम है परब्रक्ष. इस टूल की मदद से जंगली जानवरों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए खेतों से दूर रखा जा सकता है. 

आज 'सूरज से स्वावलंबन' सीरिज में हम आपको बता रहे हैं कटिधन नामक स्टार्टअप और इसके सौर ऊर्जा से चलने वाले अनोखे उपकरण के बारे में. 

Ayan S. R. with one of the beneficiaries

क्या है परब्रक्ष नामक सोलर पावर्ड डिवाइस
मालन ने बताया कि जंगली सूअर और हिरणों के झुंड रात में पास के जंगल से उनके खेतों में आकर फसल खा जाते थे, खेत को रौंद देते थे. जिससे उन्हें घाटा होने लगा. ऐसे में, साल 2020 में, लातूर में स्वयं शिक्षाम प्रयोग नामक एक स्थानीय गैर-लाभकारी संस्था ने उनके खेतों में परब्रक्ष (कन्नड़ में इसका अर्थ है जंगली जानवरों से सुरक्षा) नामक एक उपकरण स्थापित किया.

परब्रक्ष जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए कृषि क्षेत्रों से दूर भगाता है. इसके लिए यह डिवाइस सौर ऊर्जा से चलने वाली तकनीक का उपयोग करके लाइट फ्लैश करता है. जिससे जंगली जानवर डरकर भाग जाते हैं. यह डिवाइस एक लिथियम-आयन बैटरी और 4 एलईडी लाइट्स से लगे 6-वाट के सौर पैनल के साथ आता है जो पूरी रात खेत में लाइट चमकाते रहता है. जानवर को खेतों में घुसने से रोकने के लिए 300-500 मीटर (लैंडस्केप के आधार पर) की दूरी से रोशनी दिखाई देती है. 

मालन का कहना है कि यह डिवाइस लगाने के बाद अब उनके खेतों में जानवर नहीं आते हैं. इस कारण उनका बहुत नुकसान होने से बचता है. इस तरह से यह एक डिवाइस उनकी आय को बढ़ाने में उनकी मदद कर रहा है. आपको बता दें कि इस डिवाइस को बनाया है कर्नाटक में बेंगलुरु स्थित अनुसंधान और वैज्ञानिक नवाचार संगठन, कटिधन ने. 

मानव-जानवर विवाद को करना है कम 
साल 2017 में एसआर अयान नामक एक मैकेनिकल इंजीनियर ने इस संगठन की शुरूआत की थी. इस संगठन की शुरूआत के पीछे उनका उद्देश्य इंसान और जानवरों के बीच के विवाद को कम करना है. वह ऐसा कुछ बनाना चाहते थे जिससे जानवरों को भी नुकसान न पहुंचे और किसानों की फसल भी खराब न हो. साल 2020 में उन्होंने यह डिवाइस बनाया और उनका कहना है कि इस डिवाइस से निकलने वाले प्रोग्राम्ड फ्लैशिंग पैटर्न जंगली सूअर, नीलगाय, हाथी, बाघ और तेंदुए जैसे जानवरों की दृष्टि पर हमला करते हैं और इस तरह उन्हें खेतों में प्रवेश करने से रोकते हैं.

अयान के अनुसार, यह डिवाइस अब तक 13 राज्यों के 1000 से ज्यादा किसानों तक पहुंच चुका है, इसके अलावा कुछ कॉफी, केले के बागान मालिक, 3 या 4 राज्य वन विभाग और विभिन्न वन्यजीव और विकास संगठन भी इस्तेमाल कर रहे हैं. अब उन्हें परब्रक्ष की और यूनिट्स लगाने में CEEW और Villgro की पहल Powering Livelihoods के तहत मदद मिल रही है.