टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे साइबर क्राइम्स भी बढ़ते जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में जासूसी लोन ऐप्स (SpyLoan Apps) भी एक वैश्विक खतरे के रूप में उभर रहे हैं. ये एप्स यूजर्स को धोखा देकर उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं. हाल ही में McAfee ने इन खतरनाक ऐप्स को लेकर रिपोर्ट जारी की है. ये ऐप्स यूजर्स को जल्दी और कम ब्याज वाला लोन देने का झूठा वादा करके फंसाते हैं.
अब तक 15 ऐप्स की पहचान की गई है, जिन्हें दुनियाभर में कुल 80 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. ये ऐप्स Google Play Store जैसे ऑफिशियल प्लेटफार्मों पर उपलब्ध थे. हालांकि, Google ने इनमें से कई ऐप्स को हटा दिया है, लेकिन इनसे काफी हद तक लोगों को आर्थिक नुकसान और उनकी प्राइवेसी पर खतरा बन आया है.
यहां हम आपको इन खतरनाक ऐप्स से कैसे बच सकते हैं और अपने डेटा व पैसों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं, बताने जा रहे हैं.
स्पाई लोन ऐप्स को समझें
स्पाई लोन ऐप्स फ्रॉड पर आधारित होते हैं. ये खुद को ऐसे माध्यम के रूप में पेश करते हैं जिससे आपको जल्दी और कम इंटरेस्ट वाला लोन मिल सके. लेकिन इनका असली उद्देश्य यूजर्स का शोषण करना और उन्हें नुकसान पहुंचाना होता है. ये ऐप्स शुरुआत में आपके कॉन्टैक्ट, मीडिया फाइल, मैसेज और GPS लोकेशन तक एक्सेस मांगते हैं. एक बार एक्सेस मिलने के बाद, ये ऐप्स सेंसिटिव जानकारी को गलत उद्देश्यों के लिए निकाल लेते हैं. इसके बाद ये ऐप्स भारी चार्ज, छिपे हुए जुर्माने और अजीबोगरीब पॉलिसी में यूजर्स को फंसा देते हैं.
स्पाई लोन ऐप्स कैसे काम करते हैं?
ये ऐप्स सबसे पहले यूजर्स फाइनेंशियल कमजोरियों का फायदा उठाते हैं. ऐप इंस्टॉल होने के बाद, ये लोन प्रोसेस के नाम पर अलग-अलग डिवाइस फीचर्स की पहुंच मांगते हैं. इकट्ठा की गई सेंसिटिव जानकारी का उपयोग ब्लैकमेल, डेटा लीक या यूजर्स को परेशान करने के लिए किया जाता है. पैसे वापस न करने पर ये यूजर्स का हैरासमेंट करते हैं और उन्हें धमकी भरे कॉल और मैसेज भेजते हैं.
जासूसी लोन ऐप्स की पहचान कैसे करें?
इन ऐप्स की पहचान आप कुछ तरीकों से कर सकते हैं. इसमें यूजर्स को बेहद कम ब्याज दरें दी जाती हैं, तुरंत लोन दे दिया जाता है और किसी डॉक्यूमेंट की भी जरूरत नहीं होती. इसके अलावा, ये एप्स आपसे आपके कॉन्टैक्ट, फोटो, और कॉल लॉग तक का एक्सेस मांगते हैं.
जासूसी लोन ऐप्स से बचने के तरीके
किसी भी ऐप की फाइनेंशियल टर्म और कंडीशन पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. McAfee या Google Play Protect जैसे प्लेटफार्मों पर नियमित रूप से इन ऐप्स की जानकारी जांचें. ऐप के रिव्यु, रेटिंग और डेवलपर की जांच करें. उन ऐप्स से बचें जो आपके फोन की दूसरे चीजों का भी एक्सेस मांग रहे हैं. और केवल आधिकारिक ऐप स्टोर (जैसे Google Play या Apple App Store) से ही ऐसे ऐप्स डाउनलोड करें.
अगर आपको किसी ऐप पर संदेह है, तो उसे तुरंत हटा दें. डिवाइस सेटिंग्स में जाकर ऐप को दी हुई एक्सेस हटाएं और अपने डिवाइस की सेफ्टी जांच के लिए एंटीवायरस या बिल्ट-इन सेफ्टी फीचर्स का उपयोग करें.
गूगल ने दी है बचने की सलाह
Google ने भी बचने की सलाह दी है. कुछ संकेत हैं जिनसे आप इनका पता लगा सकते हैं:
-वायरस या इन्फेक्टेड डिवाइस के अलर्ट देखें.
-डिवाइस के प्रदर्शन और स्टोरेज में कमी चेककरें.
-अनचाहे ब्राउजर एक्सटेंशन या होमपेज में बदलाव.
-आपके कॉन्टैक्ट को ऐसे मैसेज भेजे जाना जो आपने नहीं भेजे भी एक संकेत है.
इसलिए सबसे जरूरी है कि ऐसे ऐप्स हटा दें जो अब Play Store पर उपलब्ध नहीं हैं.
अगर आप शिकार बन जाएं तो क्या करें?
1. ऐप की रिपोर्ट करें: खतरनाक ऐप्स की जानकारी Google Play या App Store को दें. साथ ही, अपने स्थानीय साइबर सिक्योरिटी अधिकारियों को शिकायत दर्ज करें.
2. अपने डेटा को सुरक्षित करें: अपने डिवाइस से जुड़े सभी ऑनलाइन खातों के पासवर्ड बदलें. अपने बैंक खातों में अनधिकृत लेनदेन की निगरानी करें.
3. कानूनी सलाह लें: अगर आप परेशान या ब्लैकमेल किए जाते हैं, तो लीगल एक्सपर्ट की मदद लें.