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डिजिटल अरेस्ट में अब तक 3,000 करोड़ की ठगी! स्कैम से जुड़े 5 जरूरी सवाल और उनके जवाब जान लीजिए

साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम्स इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग सरकारी कॉल्स या वीडियो कॉल पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं.

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हाइलाइट्स
  • सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल अरेस्ट पर कड़ी नाराजगी

  • डिजिटल अरेस्ट में अब तक 3,000 करोड़ की ठगी

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जताई है. सरकार ने कोर्ट में साइबर फ्रॉड से जुड़े आंकड़े पेश कर बताया कि देशभर में साइबरों ठगों ने मासूम लोगों से करीब तीन हजार करोड़ रुपए की ठगी की है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मंत्रालय में एक अलग यूनिट इस मुद्दे पर काम कर रही है.

इनसे सख्ती से निपटना होगा
इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने हैरानी जताते हुए कहा, यह चौंकाने वाला है कि लगभग 3,000 करोड़ पीड़ितों से वसूले गए हैं. अगर हमने सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और बढ़ेगी. हम इससे लोहे के हाथों से निपटेंगे. बेंच ने कहा कि मामले में जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

बुजुर्ग दंपति से हुई थी 1.05 करोड़ रुपए की ठगी
दरअसल, हरियाणा के अंबाला जिले में बुजुर्ग दंपति से 3 से 16 सितंबर के बीच 1.05 करोड़ रुपए की ठगी हुई थी. दंपती को सुप्रीम कोर्ट के जजों के फर्जी साइन और जांच एजेंसियों के नकली आदेश दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया गया था. पीड़ित ने 21 सितंबर को CJI बीआर गवई को चिट्ठी लिखकर पूरी बात बताई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले में एक्शन लिया था. कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे अब तक दर्ज FIRs का पूरा ब्योरा पेश करें.

असली नकली में फर्क नहीं कर पाते लोग
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम्स इसलिए तेजी से फैल रहे हैं क्योंकि लोग सरकारी कॉल्स या वीडियो चैट्स पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं. ठग अब वीडियो डीपफेक, फर्जी वेबसाइट और नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आम व्यक्ति असली और नकली में फर्क नहीं कर पाता और अपनी मेहनत का कमाई गंवा देता है.

डिजिटल अरेस्ट स्कैम से जुड़े 5 जरूरी सवाल और उनके जवाब

  • डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या होता है?
    डिजिटल अरेस्ट स्कैम आज साइबर अपराध का नया चेहरा बन गया है. इसमें साइबर ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपको डराते हैं कि आपने कोई अपराध किया है और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसे मांगते हैं.

  • अगर किसी ने खुद को CBI या पुलिस बताया तो क्या करें?
    शांत रहें, किसी भी स्थिति में पैसे या बैंक डिटेल न दें. कॉल या वीडियो चैट का स्क्रीनशॉट लेकर cybercrime.gov.in या 1930 पर रिपोर्ट करें. 

  • क्या असली पुलिस या CBI ऐसे कॉल करती है?
    नहीं. किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी या पूछताछ केवल लिखित नोटिस या सीधे विजिट के जरिए होती है, न कि फोन या वीडियो कॉल से. शक होने पर तुरंत फोन काट दें. फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें.

  • अगर मैंने गलती से पैसे भेज दिए तो क्या करें?
    तुरंत बैंक और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें. जल्दी शिकायत करने से आपके पैसे फ्रीज (Freeze) किए जा सकते हैं.

  • ऐसे स्कैम से बचने का सबसे आसान तरीका क्या है?
    अजनबी कॉल्स पर भरोसा न करें, लिंक या ऐप डाउनलोड न करें, और अपने मोबाइल में Truecaller और Cyber Alert apps जैसी सर्विस ऑन रखें. अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी शेयर न करें.