
केरल के 16 वर्षीय राउल जॉन अज़ू ने न सिर्फ अपने एआई (Artificial Intelligence) इनोवेशन से इंटरनेट पर धूम मचाई है, बल्कि अपने एक अनोखे फैसले से भी सुर्खियां बटोरी हैं. इतनी कम उम्र में उन्होंने अपनी ही एआई स्टार्टअप कंपनी आर्म टेक्नोलॉजीज (Arm Technologies) में अपने पिता को नौकरी पर रखा.
बचपन से शुरू हुआ एआई का सफर
राउल की एआई यात्रा बेहद अनोखी रही है. महज़ 6 साल की उम्र में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखना शुरू कर दिया था. और आज, सिर्फ 16 की उम्र में उन्होंने अपना खुद का रोबोट ‘मी-बॉट (Me-bot)’ बना लिया. यही नहीं, अब तक वे 10 से अधिक एआई टूल्स तैयार कर चुके हैं, जिनका उद्देश्य सिर्फ एक है, लोगों की असली जिंदगी की समस्याओं को आसान बनाना.
मुफ्त में दे रहे हैं एआई की शिक्षा
राउल का मानना है कि तकनीक का ज्ञान सबके लिए होना चाहिए. इसी सोच के साथ वे अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम चैनलों पर एआई से जुड़ी जानकारी मुफ्त में साझा करते हैं. वे युवाओं को सिखाते हैं कि कैसे एआई का इस्तेमाल करके काम का बोझ घटाया जा सकता है. उनका मंत्र है कि इनोवेशन कोई फैशन नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की आदत होनी चाहिए.
Project JustEase: तकनीक से सामाजिक बदलाव
राउल की सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है प्रोजेक्ट जस्टईज़, जिसे उन्होंने केरल और दुबई सरकारों के सहयोग से शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत एआई-आधारित ऐसे पब्लिक टूल्स बनाए जा रहे हैं, जो सामाज में लोगों की मदद करें. इसमें एक खास बॉट भी शामिल है, जो आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों को रियल-टाइम जानकारी और सही दिशा-निर्देश देने में सक्षम होगा.
लोकप्रियता नहीं, मकसद है प्राथमिकता
आजकल जहां ज्यादातर युवा स्टार्टअप्स फंडिंग और शोहरत के पीछे भागते हैं, वहीं राउल का नजरिया बिल्कुल अलग है. वे कहते हैं कि स्टार्टअप का असली मकसद लोगों की जिंदगी आसान बनाना है, न कि सिर्फ लोकप्रियता पाना. उनकी कंपनी आर्म टेक्नोलॉजीज ऐसे स्मार्ट टूल्स बना रही है, जो न सिर्फ टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि यह भी दिखा रहे हैं कि असली लीडरशिप कैसी होती है, समझदारी और सहानुभूति के साथ.
भविष्य की झलक
सिर्फ 16 साल की उम्र में राउल यह साबित कर रहे हैं कि भारत और दुनिया का एआई भविष्य उन्हीं युवा हाथों में सुरक्षित है, जो नियमों को तोड़कर नया रास्ता बनाने की हिम्मत रखते हैं. उनका सफर इस बात का सबूत है कि नए विचार पैदा करने की कोई उम्र नहीं होती.