scorecardresearch

रोजाना 30 मिनट दिखाना होगा राष्ट्रहित का कंटेंट, टीवी चैनलों के लिए सरकार की नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार ने बुधवार को भारत में टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नए दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है. साथ ही सरकार ने टीवी चैनलों से हर दिन 30 मिनट के लिए राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक महत्व के कंटेंट का प्रसारण करने के लिए कहा है.

रोजाना 30 मिनट दिखना होगा राष्ट्रहित का कंटेंट रोजाना 30 मिनट दिखना होगा राष्ट्रहित का कंटेंट
हाइलाइट्स
  • हर रोज 30 मिनट दिखाना होगा राष्ट्रहित का कंटेंट

  • सरकार ने दी नई गाइडलाइन को मंजूरी

केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत चैनलों को राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक महत्व के कंटेंट का प्रसारण करना अनिवार्य हो गया है. 11 साल बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कल टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब भारतीय टेलीपोर्ट विदेशी चैनल को अपलिंक कर सकते हैं. इसके साथ ही चैनलों को सीधा प्रसारण करने की भी अनुमति मिल गई है. दिशा निर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में संशोधित किए गए थे.

क्या है इस गाइडलाइन की खासियत?
टेलीविजन चैनलों को शिक्षा और साक्षरता के प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं के कल्याण, कमजोरों के कल्याण, समाज के वर्गों, पर्यावरण की सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता जैसे राष्ट्रीय हित के विषयों पर हर दिन 30 मिनट की जनहित सामग्री प्रसारित करनी होगी. सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा, "ऐसा नहीं है कि सरकार जनहित सामग्री के तहत प्रसारण के लिए टेलीविजन चैनलों को कोई कार्यक्रम देगी. चैनल दिशानिर्देशों में उल्लिखित विषयों पर  अपना कंटेंट बनाने के लिए स्वतंत्र हैं." उन्होंने ये भी कहा कि इसके तहत कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण की अनुमति खत्म कर दी गई है. हालांकि, सीधा प्रसारण किए जाने वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण जरूरी होगा.
 
निर्देशों के अनुसार एक से ज्यादा टेलीपोर्ट या उपग्रह की सुविधाओं का उपयोग कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है. लेकिन मौजूदा नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट या उपग्रह के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है.

क्या होगा इस नई गाइडलाइन का फायदा?
इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है, जो उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है. वर्तमान में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ पंजीकृत कुल 897 में से केवल 30 चैनल भारत से अपलिंक हैं.

संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने कहा कि स्टैंडर्ड डेफिनेशन (एसडी) से हाई डेफिनेशन (एचडी) या इसके विपरीत भाषा बदलने या ट्रांसमिशन के एक मोड के रूपांतरण के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि चैनल को केवल मंत्रालय को बदलावों के बारे में सूचित करना होगा. नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक कंपनी डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी) के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों जैसे ऑप्टिकल फाइबर, बैक पैक, मोबाइल का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है.