
कुछ दिनों में हर शहर के सेंटर से 150 किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित की जाएगी. इसकी घोषणा खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की है. केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा कि उनका लक्ष्य देश के हर शहर के सेंटर से 150 किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग फैसिलिटी विकसित करने का है. दरअसल, भारत में पिछले साल ही स्क्रैपेज पॉलिसी शुरू की गई है. अब इसी में आगे बढ़ते हुए इसमें नए नए विकास कार्य किए जा रहे हैं.
प्रदूषण कम करना है लक्ष्य
आपको बताते चलें, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेशनल व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी को भारतीय परिवहन और स्थिरता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है. इसके तहत पुराने और ऐसे वाहनों को हटाया जा सकेगा जो प्रदूषण फैलाते हैं. साथ ही ऐसे वाहनों को शुरू किया जाएगा जिनसे कम प्रदूषण फैले और जो वातावरण को कम नुकसान पहुचाएं.
बस इसीलिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के सभी शहरों के सेंटर से 150 किमी. के दायरे में कम से कम एक व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर बनाना है.
भारत में है दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता
गडकरी ने कहा, "भारत में पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता है. हम बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका से बड़ी संख्या में पुराने वाहनों का आयात कर सकते हैं. हमने वाहन स्क्रैपिंग नीति को इस तरह से डिजाइन किया है कि सभी प्रकार और आकार के इन्वेस्टमेंट को आने और स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने की अनुमति मिलती है.
पिछले साल अगस्त में शुरू हुई थी राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति
गौरतलब है कि पिछले साल ही देश में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की गई है. इसकी शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह ऐसे वाहन जो उपयुक्त नहीं हैं और प्रदूषण फैलाते हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से खत्म करने में मदद करेगी.
पीएम के मुताबिक, देश में हर साल मटेरियल रीसाइक्लिंग क्षेत्र 4 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है. ये संख्या लगातार बढ़ रही है और बढ़कर 2025 तक 5 करोड़ तक जाने की उम्मीद है.