देश में आधार कार्ड आज हर व्यक्ति के लिए सबसे अहम दस्तावेज बन चुका है. पहचान पत्र से लेकर सरकारी योजनाओं तक, हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है. लेकिन डिजिटल युग में जहां सुविधाएं बढ़ी हैं, वहीं आधार से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले भी सामने आने लगे हैं. इसी को देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बड़ा कदम उठाया है. प्राधिकरण ने “आधार डेटा वॉल्ट” नाम का नया सुरक्षा फीचर लॉन्च किया गया है, जो आपके आधार डेटा को और भी सुरक्षित बनाएगा.
आधार डेटा वॉल्ट एक सुरक्षित डिजिटल स्टोरेज सिस्टम है, जो आधार नंबर और उससे जुड़ी सभी व्यक्तिगत जानकारी को एन्क्रिप्टेड रूप में रखता है. इसमें नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता, फोटो, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसी जानकारियां Hardware Security Module (HSM) आधारित सिस्टम में सुरक्षित रहती हैं. यह सिस्टम इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि डेटा लीक या दुरुपयोग की संभावना लगभग खत्म हो जाती है.
कैसे काम करेगी यह सुरक्षा?
UIDAI के अनुसार, आधार डेटा वॉल्ट में डेटा को एन्क्रिप्ट करके एक अलग सुरक्षित डेटाबेस में रखा जाता है. इस डेटाबेस तक केवल अधिकृत संस्थाओं की ही पहुंच होती है. इसके ज़रिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी संस्था या व्यक्ति आधार नंबर और उससे जुड़ा डेमोग्राफिक डेटा (जैसे नाम, पता, जन्मतिथि आदि) का गलत इस्तेमाल न कर सके.
कानूनी ढांचा और पालन की शर्तें
आधार एक्ट 2016 और उसके नियमों के अनुसार, हर रिक्वेस्टिंग एंटिटी (RE) यानी कोई एजेंसी या व्यक्ति जो ऑथेंटिकेशन के लिए किसी नागरिक का आधार डेटा उपयोग करता है उसको डेटा वॉल्ट सिस्टम लागू करना जरूरी है.इस नियम के तहत कोई भी संस्था जो आधार नंबर और उससे जुड़ा डेटा स्टोर करती है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा पूरी तरह एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित हो.
आधार डेटा वॉल्ट का मकसद
इस फीचर का उद्देश्य है कि आधार डेटा और उससे जुड़ी डिटेल्स के डिजिटल फुटप्रिंट को सुरक्षित रखना. डेटा को संवेदनशील इंफ्रास्ट्रक्चर में सुरक्षित रूप से स्टोर करना. डेटा की गोपनीयता और विश्वसनीयता बनाए रखना. भविष्य में डेटा चोरी या दुरुपयोग की घटनाओं को रोकना. यह कदम भारत को डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में और आगे ले जाएगा.
घर बैठे कर सकेंगे आधार से जुड़े काम
UIDAI ने बताया कि अब आधार एड्रेस अपडेट, डिटेल वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक अपडेट जैसे काम आप घर बैठे कर सकेंगे. नई तकनीक की मदद से यह सिस्टम जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिक सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, PAN, PDS और मनरेगा जैसे डेटाबेस से जुड़ा रहेगा. इससे दस्तावेज़ों की जांच आसान होगी. नकली दस्तावेज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगेगी. पहचान सत्यापन प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी बनेगी. UIDAI के अधिकारियों ने यह भी बताया है कि जल्द ही बिजली बिल डेटाबेस को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि यूजर वेरिफिकेशन और भी सरल बनाया जा सके.