
गर्मियों के मौसम में राहत पाने के लिए लोग एसी का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से आने वाले बिल से भी डरते हैं. इसलिए समाज का मध्यम वर्ग इसका ज्यादा इस्तेमाल रात के समय में ही करता है. तो वहीं इस वर्ग में अभी भी कई लोग हैं, तो रात में सोते समय ठंडक पाने के लिए कूलर का इस्तेमाल करते हैं. एसी अगर आपके घर में चलता है तो बढ़ा हुआ बिजली का बिल आना कोई नई बात नहीं. लेकिन हाल ही में की गई एक खास खोज में बिजली के बिल में कटौती जरूर हो सकती है.
दरअसल भारत सरकार की सीएसआईआर की संघटक प्रोयगशाला सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीजीसीआरआई) के वैज्ञानिकों ने एक खास खोज की. उन्हें कांच के बेकार टुकड़ों से एक ऐसी ईंट को बनाया है जो काफी इको-फ्रेंडली है, वजन में हल्की और बजट फ्रेंडली भी है.
कैसे होगी बिजली के बिल में कटौती?
यह ईंट एक आम ईंट के वजन के बराबर ही होती है. साथ ही टिकाऊ और मजबूत भी होती है. ऐसे में अगर आप अपने घर में इस ईंट का इस्तेमाल करते हैं तो यह एक इंसुलेशन मटेरियल की तरह काम करती है. पहली बात तो यह कि बाहर की गर्मी आपके घर-दफ्तर में इतनी आसानी से नहीं आ पाती. जिससे वहां ठंडक बनी रहती है. लेकिन फिर भी अगर आपको एसी चलाने की जरूरत पड़ जाती है. तो इसकी इंसुलेशन अंदर की ठंडक को बाहर नहीं जाने देती. जिससे आपको ज्यादा देर एसी चलाने की जरूरत नहीं पड़ती और नतीजतन आपके घर-दफ्तर का बिजली का बिल में 20-25 फीसदी की कटौती देखने को मिलती है.
कैसे तैयार की जाती है यह ईंट
इस ईंट को तैयार करने के लिए कांच के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. उनका चूरा बनाया जाता है और फोमिंग एजेंट मिलाएं जाते हैं. जिसके बाद इस मिश्रण को करीब 700-800 डिग्री तापमान पर करीब 10 घंटों के लिए तपाया जाता है. इसके बाद जाकर यह ईंट तैयार होती है. इसकी खास बात यही है कि यह आम ईंट के मुकाबले हल्की होने के साथ-साथ इंशुलेशन प्रोवाइड करवाती है. इसके अलावा यह मजबूती के साथ भी किसी प्रकार का समझौता नहीं करती है.
ज्यादा ग्लास वेस्ट होगा रिसाइकल
2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 21 अरब टन ग्लास वेस्ट निकलता है. इसमें से केवल 45 फीसद ही रिसाइकल हो पाता है. बाकी बचा हुआ ग्लास इकोसिस्टम के लिए वेस्ट ही बना रह जाता है. ऐसे में इसी समस्या को देखते हुए संस्थान के ग्लास डिविजन चीफ डॉ. आशीष कुमार मंडल ने एक रिसर्च शुरू की जो करीब 4-5 साल के बाद जाकर 2024-25 में सफल साबित हो पाई. औऱ यह ग्लास ईंट के रूप में सामने आई.